बालकोनगर, 25 अप्रैल 2023। पृथ्वी दिवस के अवसर पर वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने कर्मचारियों और समुदाय के साथ पृथ्वी के सुरक्षित और पर्यावरणीय भविष्य को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया। साथ ही कंपनी ने 22 से 29 अप्रैल को ‘कागज रहित सप्ताह’ के रूप में मनाया एवं कर्मचारियों और व्यवसाय के साझेदारों को डिजिटल माध्यमों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। पहले भी कंपनी ने प्लांट के अंदर सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम कर संयंत्र को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त संयंत्र बनने की दिशा में अग्रसर है।
बालको ने कर्मचारियों को पेपर कप के उपयोग को कम करने के लिए स्वयं का चाय/कॉफी मग लाने के लिए प्रोत्साहित किया। कंपनी ने सूखे और गीले कचरे को पृथक्करण के विषय पर जागरूकता सत्र भी आयोजित किए। जिसमें बालको के कर्मचारी, बालको महिला क्लब के सदस्य और उनके परिवार के सदस्य शामिल थे। टाउनशिप से निकलने अपशिष्ट के निपटारे के लिए सॉलिड एंड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट सेंटर (एसआरएलएम) स्थापित है जहां समग्र कचरे को जैविक खाद बनाने का काम किया जाता है। खाद बिक्री के लिए भी उपलब्ध है, टाउनशिप में कई परिवारों द्वारा अपने बगीचों में इसका उपयोग किया जाता है।
बालको ने भटगाँव में समुदाय के साथ पृथ्वी दिवस मनाया। इस कार्यक्रम में महिलाओं ने हिस्सा लिया जो राज्य वन विभाग के अधिकारियों के साथ सयुंक्त रूप से आयोजित किया गया था। महिलाओं को पर्यावरण संरक्षण और वन सुरक्षा के साथ अधिक वृक्ष लगाने के महत्व के बारे में बताया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ का लाभ और समुदाय के भीतर हरियाली बढ़ाने की जानकारी दी। कार्यक्रम का समापन समुदाय के सरकारी स्कूल में वृक्षारोपण और महिलाओं के बीच पौधे के वितरण के साथ हुआ। इसके अतिरिक्त गर्मी में पक्षियों और जानवरों के लिए मिट्टी के बर्तन में पानी रखे गए।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि बालको पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को प्रोत्साहित करने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। पृथ्वी दिवस हमारे लिए एक साथ आने और ऐसी पहल करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है जो भविष्य में पर्यावरण के पोषण में योगदान देगा। बालको के विजन, कॉरपोरेट उद्देश्य, उत्पादन प्रक्रियाओं और व्यवसाय संचालन के विभिन्न तरीके पर्यावरण के सतत संवर्धन को बढ़ावा देते हैं।