छत्तीसगढ़

वेदांता की कंपनी बालको के गौरवशाली इतिहास के संरक्षण के लिए संग्रहालय की स्थापना

बालकोनगर, 26 अप्रैल 2023। वेदांता एल्यूमिनियम की अनुषंगी कंपनी और देश की प्रतिष्ठित एल्यूमिनियम उत्पादक इकाई भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने बालको संग्रहालय एवं लर्निंग सेंटर की शुरूआत की है। इस पहल के जरिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के रूप में बालको के उद्भव एवं विकास और देश की औद्योगिक प्रगति और एल्यूमिनियम उत्पादन के क्षेत्र में गौरवशाली नेतृत्व और योगदान को प्रदर्शित किया गया है। 18 अप्रैल, 2023 को आयोजित विश्व विरासत दिवस करने की भावना के अनुरूप सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों को संरक्षित एवं संवर्धित करने की दिशा में कंपनी द्वारा संग्रहालय में प्रथम धातु उत्पादन एवं प्रचालन संबंधी अनेक उपलब्धियां सुरूचिपूर्ण तरीके से दर्शायी की गई है ।

बालको के संग्रहालय में रखी वस्तुएं इसकी समृद्ध औद्योगिक विरासत का प्रतिनिधित्व करती हैं। प्रदर्शित वस्तुओं में शुरुआती दिनों के औद्योगिक व कार्यालयीन उपकरण, खदान से निकले प्रथम बॉक्साइट और उत्पादित एल्यूमिना पाउडर, इनगॉट, रोल्ड शीट और वायर रॉड आदि के मिनिएचर बालको की औद्योगिक यात्रा की गौरव गाथा कहते हैं। संग्रहालय नए भर्ती कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र के तौर पर काम कर रहा है जहां वे भारतीय एल्यूमिनियम उद्योग की प्रगति से रूबरू होकर बालको को विभिन्न क्षेत्रों में अब तक हासिल अनेक उपलब्धियों से प्रेरणा ले सकेंगे। कोरबा में बालको संयंत्र परिसर में स्थापित संग्रहालय का अवलोकन आगंतुकों के लिए यादगार होगा।

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उद्योगों को ‘आधुनिक भारत का मंदिर’ कहा था। इसी परिकल्पना के अनुरूप 27 नवंबर, 1965 को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के तौर पर बालको की स्थापना की गई ताकि एल्यूमिनियम उत्पादन के क्षेत्र में राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। बालको देश की प्रथम कंपनी है जिसका सफल विनिवेश किया गया। वर्ष 2001 में विनिवेश के बाद 51 फीसदी शेयरों का स्वामित्व वेदांता लिमिटेड के पास है। विनिवेश के बाद अनेक चरणों में विस्तार और अत्याधुनिक तकनीकों के समावेश से बालको का उत्पादन 1 लाख टन प्रतिवर्ष से बढ़कर लगभग 5.75 लाख टन प्रति वर्ष हो गया। वेदांता द्वारा बालको की उत्तरोत्तर प्रगति और प्रचालन उत्कृष्टता में योगदान देश के औद्योगिक इतिहास में मील का पत्थर है।

संग्रहालय की स्थापना पर बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा, “अपनी शुरुआत से ही बालको भारत के औद्योगिक विकास का अगुवा रहा है। भारत में एल्यूमिनियम क्रांति की इबारत बालको ने लिखी है। कंपनी की स्थापना के छह दशकों में अब तक हुई औद्योगिक प्रगति का इतिहास संग्रहालय में संजोया गया है। इसके जरिए हम सभी को बालको की अब तक हुई प्रगति से अवगत होने का अवसर तो मिला ही, नई बुलंदियों तक जाने की प्रेरणा मिल रही है। हम यह देख सकते हैं कि जिस कंपनी ने बुनियादी उपकरणों व सरल उत्पादों के साथ काम शुरु किया था वह अपनी प्रचालन उत्कृष्टता और दुनियाभर में विस्तृत उपभोक्ताओं के जरिए आज भारत के अग्रणी एल्यूमिनियम उत्पादकों में शुमार है। उत्कृष्ट एल्यूमिनियम उत्पादक के तौर पर हम भारत की विनिर्माण क्षमता को आगे ले जाने तथा देश व दुनिया के लिए उच्च गुणवत्ता वाले एल्यूमिनियम उत्पाद बनाने के लिए समर्पित हैं।”