प्रतापगढ़ : उमेश पाल हत्याकांड में बमबाजी करने के बाद फरार चल रहे गुड्डू मुस्लिम व एनकाउंटर में मारे गए असद अहमद ने प्रतापगढ़ में भी पनाह ली थी। यही नहीं उससे शूटर लवलेश तिवारी भी मिला था। इस तरह का इनपुट मिलने के बाद एसटीएफ सक्रिय हो गई है।
पुलिस के लिए चुनौती है गुड्डू मुस्लिम
हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं है, पर पुलिस इस बिंदु पर गहराई से काम कर रही है। इन दिनों पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है गुड्डू मुस्लिम को पकड़ना। उससे संबंधित जो भी जानकारी मिल रही है, उसकी जांच पुलिस कर रही है।
प्रतापगढ़ में छिपे थे असद व गुड्डू मुस्लिम
सूत्रों ने बताया है कि उमेश की हत्या करने के बाद अतीक के पुत्र असद, गुड्डू मुस्लिम समेत कई लोग प्रतापगढ़ के पट्टी क्षेत्र में भी ठहरे थे। कुछ गांवों के नाम भी एसटीएफ तक पहुंचे हैं। वहां के इनकी मदद हुई थी। बताने वाले तो यहां तक बता रहे हैं कि असद कई दिन यहां रुका रहा। यही नहीं एक रेस्टोरेंट पर इन लोगों ने खाना खाया, चाय व काफी पी थी। बाद में अतीक व अशरफ की हत्या के बाद फिर यह लोग यहां आए थे। उनमें लवलेश तिवारी जैसा युवक भी बताया गया।
STF अलर्ट पर
हो सकता है कि वह लवलेश ही रहा हो या कोई और पर एसटीएफ चौकन्नी हो गई। काल्विन अस्पताल में हत्या के बाद सरेंडर करने पर लवलेश समेत सनी व अरुण को प्रतापगढ़ जेल भेज दिया गया था। रिमांड पर रहने के दौरान एसटीएफ को लवलेश के ठिकानों पर छानबीन में उस रेस्टोरेंट का कंप्यूटराइज्ड बिल मिला।
उस पर पूरा पता, बिल का समय दर्ज था। इसके आधार पर एसटीएफ वहां पहुंची थी। उसने सीसीटीवी फुटेज देखा। उसे हार्ड डिस्क समेत कब्जे में ले लिया। इस कड़ी को जोड़ने के लिए दो दिन पहले एसटीएफ रात में जेल भी गई थी। कई घंटे वहां शूटरों से पूछताछ की थी। विदेशी असलहा मिलने, मास्टर माइंड आदि के बारे में पूछा था।
यानी अगर सूत्र ने सही बताया है तो एसटीएफ गुड्डू मुस्लिम व लवलेश का कनेक्शन खंगालकर किसी ठोस नतीजे पर पहुंच सकती है। माफिया ब्रदर्स की हत्या के राज से पर्दा उठ सकता है। वैसे भी अशरफ के आखिरी शब्द गुड्डू मुस्लिम से ही जुड़े थे। इस तरह का हर छोटा-बड़ा इनपुट एसटीएफ की राह आसान करेगा, क्योंकि वह गुड्डू मुस्लिम तक ही नहीं, दोहरे मर्डर के पीछे की साजिश तक भी पहुंचना चाहती है।