छत्तीसगढ़

जब लोगों ने कहा था, ये शादी दो महीने से ज्यादा नहीं चलेगी, आखिरी सांस तक निभाया साथ

नई दिल्ली : तारीफ करूं क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया… ये बॉलीवुड के एल्विस प्रेस्ली यानी शम्मी कपूर का गाना है, जिन्हें लोग उनकी फिल्मों के अलावा उनके डांस के लिए भी याद करते हैं। भले ही शम्मी कपूर आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी एक्टिंग का आज भी हर कोई कायल है। 

बचपन से उन्होंने अपने आस-पास फिल्मी दुनिया का माहौल देखा और एक वक्त आया, जब वह इस दुनिया का हिस्सा बने। शम्मी की प्रोफेशनल लाइफ जितनी सक्सेसफुल रही, उनकी पर्सनल लाइफ उतनी ही उतार-चढ़ाव से भरी रही। एक्टर की लाइफ को लेकर उनकी पत्नी नीला देवी ने एक इंटरव्यू में कई खुलासे किए हैं।

शम्मी कपूर की पहली पत्नी थीं गीता बाली

शम्मी की पहली शादी एक्ट्रेस गीता बाली से 1955 में हुई थी। शम्मी, गीता बाली से छोटे थे। कहते हैं, शम्मी कपूर ने गीता से शादी परिवार से बगावत करके की थी। शम्मी कपूर और गीता बाली की शादी के लिए कपूर खानदान राजी नहीं था।

जब परिवार ने शादी के लिए रजामंदी नहीं दी तो उन्होंने गीता बाली के साथ भागकर शादी की। मुंबई के बाणगंगा मंदिर में आधी रात को दोनों की शादी हुई थी, मगर यह साथ ज्यादा लम्बा नहीं चला। 1965 में गीता बाली ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

शम्मी ने फोन पर किया था नीला को प्रपोज

नीला देवी ने इंटरव्यू में शम्मी और अपनी शादी से लेकर कपूर परिवार की वेडिंग समेत कई रोचक खुलासे किए हैं। 27 जून 1969 को शम्मी ने नीला देवी के साथ सीक्रेट वेडिंग की थी। नीला देवी ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि उन दिनों- ”उन दिनों मैं रितु नंदा के साथ घूमती थी। उस वक्त राज कपूर जी और कृष्णा जी ने मुझे शम्मी जी से मिलवाया।”

इतना ही नहीं उन्होंने ही शम्मी जी को सलाह दी थी कि मुझसे शादी कर ले। रितु नंदा की शादी को अभी कुछ ही दिन हुए थे और अचानक, एक रात शम्मी जी का फोन आया। मेरी बहन ने उन्हें यह कहते हुए फोन काट दिया कि उस समय फोन करने के लिए बहुत देर हो चुकी है, लेकिन उन्होंने दोबारा फोन किया और कहा कि वह मुझसे बात करना चाहते हैं।”

फोन पर पांच घंटे की थीं बातें

उन्होंने आगे बताया कि उस रात शम्मी जी ने लगभग 4 से 5 घंटे फोन पर बात की और शादी के लिए प्रपोज किया। उन्होंने उस कॉल पर अपने स्कूल, गर्लफ्रेंड, गीता बाली से शादी, बच्चों के बारे में सब कुछ मुझे बता दिया था। उन्होंने कहा कि वह अगले दिन घर आकर मुझे बाणगंगा ले जाएंगे और वहां हमारी शादी हो जाएगी। ‘मैंने उनसे कहा, ‘हमारे यहां ऐसे नहीं।’

मैंने उन्हें कहा कि शम्मी जी हमारे माता-पिता को इस शादी में होने चाहिए। शम्मी जी ने कहा कि वह इससे सहमत हैं और हमें उनके घर पर ही शादी करनी चाहिए। इसके बाद दोनों परिवार वालों में बातचीत हुई और उनके कॉल के अगले दिन 27 जून 1969 को हमारी शादी हो गई।

लोग करने लगे थे तलाक की बातें

इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि इस शादी के बाद कई लोगों को लगता था कि उनकी शादी सिर्फ दो महीने तक ही टिक पाएगी और फिर तलाक हो जाएगा। उन्होंने कहा, ”शम्मी कपूर की जिस तरह की छवि बनी हुई थी, उसे देखकर लोग कहते थे कि ये शादी दो महीने से ज्यादा नहीं चलेगी। ऐसा इसलिए भी था, क्योंकि मैं बहुत सिम्पल थी।”

नीला आगे बताती हैं- ”मैं सिर पर पल्ला रखती थी, साड़ी पहनती थी। ऐसे में लोगों को लगने लगा था कि यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी। आखिरकार हमारी शादी 44 साल तक चली। बता दें, 14 अगस्त 2011 को शम्मी कपूर का 79 साल की उम्र में निधन हो गया था।