छत्तीसगढ़

जर्मनी में भी नहीं दिल्‍ली जैसी मेट्रो सर्विस…, जर्मन कार्टूनिस्ट ने उड़ाया भारत का मजाक तो राजदूत ने ही लगा दी फटकार

नई दिल्‍ली: भारत की आबादी हाल में चीन के ऊपर निकल गई। इसके बाद जर्मनी की मैगजीन डेर स्पीगल में दिल्‍ली मेट्रो का मजाक उड़ाया गया। एक कार्टून के जरिये ऐसा किया गया। अब भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने ही इस कार्टून बनाने वाले को आईना दिखा दिया है। उन्‍होंने साफ लफ्जों में कहा कि जिस तरह की सर्विसेज दिल्‍ली मेट्रो में हैं जर्मनी में भी वैसी नहीं हैं। जिन कार्टूनिस्‍ट ने यह कार्टून बनाया है, उन्‍हें भारत के बारे में अच्‍छी तरह पता नहीं है। वह चाहेंगे कि ये जनाब उनके साथ दिल्‍ली मेट्रो में आएं और खुद इस बात को देख लें। वह हाल ही में जर्मन पत्रिका डेर स्पीगल में पब्लिश एक कार्टून का जिक्र कर रहे थे। इसमें एक जीर्ण-शीर्ण भारतीय ट्रेन को दिखाया गया है। यह अंदर और बाहर यात्रियों से भरी हुई है। समानांतर ट्रैक पर यह एक चीनी ट्रेन को ओवरटेक कर रही है।

डेर स्पीगल में प्रकाशित कार्टून पर भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने रिऐक्‍शन दिया है। उन्‍होंने कहा है, ‘मेरी निजी राय में कार्टून न तो हास्यास्पद था और न ही उचित। मैं इस कार्टूनिस्ट को आमंत्रित करना चाहता हूं कि वह दिल्ली में मेरे साथ मेट्रो की सवारी पर आएं। मुझे लगता है कि जर्मनी में कई मेट्रो दिल्ली मेट्रो जितनी अच्छी नहीं हैं। यही बात ट्रेन सिस्‍टम के लिए भी कही जा सकती है। कार्टूनिस्‍ट को भारत के बारे में थोड़ी और पूछताछ करनी चाहिए। उन्‍हें जानना चाहिए कि भारत की रेलवे प्रणाली कितनी अत्याधुनिक है।’

भारत ने आबादी में चीन को पीछे छोड़ा
हाल में चीन की आबादी को पीछे छोड़ भारत नंबर एक पायदान पर पहुंच गया। इसी के बाद मैगजीन डेर स्पीगल में एक लेख के साथ कार्टून पब्लिश हुआ। यह मजाक उड़ाने के लहजे में है। इसमें दिखाया गया कि एक टूटी-फूटी ट्रेन के अंदर और बाहर दोनों तरफ यात्री भरे हुए हैं। यह ट्रेन पैरलल ट्रैक पर एक अन्‍य चीन की ट्रेन को ओवरटेक कर रही है। इस कार्टून पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने प्रतिक्रिया दी। उन्‍होंने कहा कि यह कार्टून भारत का मजाक उड़ाने का प्रयास है। लेकिन, पीएम मोदी के नेतृत्‍व में भारत के खिलाफ दांव लगाना सही नहीं है। कुछ वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था जर्मनी की तुलना में भी बड़ी होगी।

आज भी पुरानी मानस‍िकता से बाहर नहीं आए हैं गोरे
दरअसल, आज भी कई गोरों को यही लगता है भारत सांप और सपेरों का देश है। ये वो गोरे हैं जो अपनी खोल से बाहर नहीं निकले हैं। इन्होंने बीते कुछ सालों में भारत की बदली सूरत को न देखा है न उसके बारे में जानने की कोशिश की है। इनका भारत के लिए वही पुराना वाला परसेप्‍शन है। भारत में जर्मनी के राजदूत ने इस बदलाव को देखा है। वह असलियत को अच्‍छी तरह जानते और समझते हैं।