नईदिल्ली : केरल में लड़कियों के धर्मांतरण और उनका आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ने पर आधारित ‘द केरल स्टोरी’ पर रोक लगाने की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. 5 मई को केरल हाई कोर्ट ने इस पर बैन लगाने से इनकार कर दिया था जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
केरल हाईकोर्ट ने फिल्म पर बैन लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि इसकी कहानी असल घटनाओं से प्रेरित है. जस्टिस एन नागरेश और जस्टिस सोफी थॉमस ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सर्टिफिकेशन बोर्ड ने फिल्म को देखने के बाद ही इसे रिलीज किया था. फिल्म में किसी समुदाय के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं है. कोर्ट ने इस दौरान याचिकाकर्ताओं से सवाल करते हुए पूछा, क्या इन्होंने फिल्म देखी है?
कपिल सिब्बल ने बेंंच से अपील करते हुए कहा था कि…
वहीं, इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जिसके बाद याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में कपिल सिब्बल पेश हुए. उन्होंने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच से मामले पर जल्द सुनवाई करने की अपील की. बेंच ने इस मामले पर सुनाई के लिए 15 मई यानी आज की तारीख तय की थी.
ममता सरकार ने फिल्म को किया बैन
द केरल स्टोरी को जहां एक ओर पश्चिम बंदाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैन कर दिया है वहीं मध्य प्रदेश में इसे टैक्स फ्री कर दिया था जिसे अब वापस ले लिया. वहीं, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया है. इसके अलावा, तमिलनाडु में फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी गई है. फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने बैन की खबरों पर बोलते हुए कहा कि ये बेहद दर्भाग्यपूर्ण है कि ममता बनर्जी ने फिल्म को बिना देखे बैन कर दिया है. ये बैन केवल राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा, मैं ममता से अपील करता हूं कि वो इस फिल्म को देखें और फिर इस पर फैसला लें.