छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: शराब घोटाला मामले में ढेबर, पुरोहित, ढिल्लन और त्रिपाठी की आज कोर्ट में पेशी; रिमांड पर लेने की कोशिश करेगी ईडी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चर्चित 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले पर कारोबारी अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू ढिल्लन और आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरूणपति त्रिपाठी की रिमांड आज खत्म हो रही है। ED आज इन्हें कोर्ट में पेश करेगी। और तीसरी बार रिमांड मांगेगी या फिर इन्हें में जेल दाखिल किया जाएगा, इसका फैसला कोर्ट में होगा।

16 मई मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में कारोबारी अनवर ढेबर के मामले में सुनवाई भी है। अब उन्हें राहत मिलेगी या नहीं इसका भी ईडी को बेसब्री से इंतजार होगा। लेकिन सूत्रों का कहना है कि तीसरी बार भी ईडी रिमांड पर लेने की कोशिश करेगी।

अनवर ढेबर को कोर्ट में पेश करने के दौरान परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी। - Dainik Bhaskar

अनवर ढेबर को कोर्ट में पेश करने के दौरान परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी।

सूत्रों का ये भी कहना है कि दो होटल व्यवसाई और एक IAS और उनके बेटे को लंबी पूछताछ के बाद उन्हें घर जाने दिया गया है। और निर्देश दिया गया कि जब भी बुलाया जाएगा तो उपस्थित होना होगा।

अनवर ढेबर ने कोर्ट में जज के सामने दी थी खुदकुशी की धमकी
कोर्ट में इससे पहले अनवर ढेबर ने जज के सामने ईडी पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए खुदकुशी की धमकी थी। ढेबर ने जज के सामने कहा था कि ईडी उन्हें प्रताड़ित कर रही है और सीएम और उनके परिवार के सदस्यों का नाम लेने के लिए दबाव बना रही है। उन्होने कहा था कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो मैं खुदकुशी कर लूंगा और ईडी उसकी जिम्मेदार होगी।

ईडी ने अपनी प्रेस रिलीज में 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले का दावा किया है। - Dainik Bhaskar

ईडी ने अपनी प्रेस रिलीज में 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले का दावा किया है।

ईडी ने अपनी प्रेस रिलीज में किया है 2 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार का दावा
छत्तीसगढ़ में ताबड़तोड़ छापे के बाद ईडी ने एक प्रेस रिलीज जारी करके शराब घोटाले की जानकारी दी है। ईडी का दावा है कि साल 2019 से 2022 के बीच प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला हुआ है। जिसमें 2 हजार करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। उन्होंने अपनी जांच में ये खुलासा किया है कि अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ में एक सिंडिकेट चला रहे हैं, और उसमें बड़े नेताओं के अलावा सीनियर अफसरों का भी सपोर्ट है। जिसमें एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया गया है कि, छत्तीसगढ़ में बेचे जाने वाली शराब की हर बोतल पर अवैध वसूली की जा रही थी। ईडी ने कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की है।