श्योपुर : मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक बुरी खबर सामने आई है। हाल ही में जन्में मादा चीता ज्वाला के चार शावकों में से एक चीता शावक की बीमारी के चलते मंगलवार को मौत हो गई। कूनो में 24 मार्च को मादा चीता ने चार शावकों को जन्म दिया था। वे लगातार स्वस्थ थे और अपनी मां के साथ वक्त बिता रहे थे। मॉनीटरिंग के दौरान एक शावक बीमार मिला था, जिसने मंगलवार को दम तोड़ दिया। पीसीसी वाइल्ड लाइफ जसवीर सिंह ने शावक की मौत की पुष्टि की है।
कूनो नेशनल पार्क में बीते दो महीने में तीन चीतों की मौत हो चुकी है, वहीं एक शावक ने भी दम तोड़ दिया है। लगातार कूनो में घट रहे चीतों के कुनबे से अब एक बार फिर चीता प्रोजेक्ट की सफलता पर सवाल पर उठ रहे हैं। वहीं चीतों की मौत से अधिकारी भी चिंतित हैं। शावक से पहले चीता साशा, दक्षा और नर चीते उदय की मौत हो चुकी है। तीन चीतों और एक शावक की मौत के बाद अब कूनो में 17 चीते और तीन शावक शेष बचे हैं।
बता दें, देश में करीब 75 साल बाद चीतों को एक बार फिर से बसाने की कवायद के साथ ही नामीबिया और साउथ अफ्रीका से कुल 20 चीते लाए गए थे। पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर चीतों को बाड़े में आजाद कर देश को चीतों की सौगात दी थी। वहीं, चीतों का क्वारेंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद इन्हें पर्यटकों के लिए भी खोला जाना था, लेकिन लगातार हो रही मौतों से अब इस प्रोजेक्ट के घटाई में पड़ने के आसार नजर आ रहे हैं।
कूनो प्रबंधन की ओर से जानकारी दी गई कि मंगलवार को सुबह 7 बजे मादा चीता ज्वाला की मॉनीटरिंग टीम द्वारा उसको अपने शावकों के साथ बैठा पाया गया था। कुछ समय बाद चीता ज्वाला अपने शावकों के साथ चलकर जाने लगी। मॉनीटरिंग टीम ने तीन शावकों को जाते देखा, चौथा शावक अपने स्थान पर लेटा रहा। टीम ने कुछ इंतजार के बाद करीब से निरीक्षण किया। शावक उठने में असमर्थ था, टीम को देखकर सिर उठाने का प्रयास भी किया। तत्काल डॉक्टरों को सूचना दी गई। टीम ने उसे उपचार देने की कोशिश की, लेकिन उसकी मृत्यु हो गई। शव का परीक्षण भी किया गया।
प्रथम दृष्टया शावक की मृत्यु कमजोरी से होना माना जा रहा है। शुरू से ही यह शावक सुस्त रहता था। सबसे छोटा और कम सक्रिय था। सामान्यत: कमजोर चीता शावक अन्य शावकों के मुकाबले में कम दूध पीता है। उसके सर्वाइव करने की उम्मीद कम होती है। सामान्यत: अफ्रीकी देशों में चीता शावक को सर्वाइवल प्रतिशत बहुत कम होता है। विशेषज्ञों की मानें तो 10 प्रतिशत होता है। प्राकृतिक स्थलों में 10 में से 1 चीता वयस्क हो पाता है।