नई दिल्ली। दो हजार रुपये के नोटों की वापसी को लेकर बैंकों में अस्पष्टता और असमंजस देखने को मिला। आरबीआइ ने पहले संकेत दिया था और उसके बाद भारतीय स्टेट बैंक ने अपने दिशानिर्देश में कहा था कि आम जनता से बगैर किसी पहचान पत्र दिखाये या कोई फार्म भरे ही एक बार में 20 हजार रुपये मूल्य के दो हजार रुपये के नोटों को बदलने की इजाजत होगी।
क्या बैकों को जानकारी लेने की जरूरत थी?
लेकिन मंगलवार को जब बैंक शाखाओं पर ग्राहक नोट बदलवाने के लिए पहुंचे तो उनसे बैंकों ने फार्म भी भरवाये और उनसे पहचान पत्र की जानकारी भी मांग ली। जो लोग बैंक खातों में दो हजार रुपये के नोट भरवाने के लिए पहुंचे उनसे अलग से कोई जानकारी निश्चित तौर पर नहीं मांगी गई। बैंकों को इसकी जरूरत भी नहीं थी।
आरबीआइ के निर्देश के मुताबिक मंगलवार से सारे बैंकिंग शाखाओं के जरिए दो हजार के नोटों को सिस्टम से वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। दैनिक जागरण ने इस बारे में कई बैंकों से बात की।
सभी ने यही कहा कि उनकी शाखाओं पर दो हजार रुपये के नोट एक्सचेंज कराने वाले ग्राहकों की कोई खास भीड़ नहीं आई है। एक्सचेंज कराने वालों से ज्यादा बैंक खाते में दो हजार रुपये के नोट जमा कराने वाले आए। इसकी तीन वजहें बताई गई हैं। एक तो सिस्टम में दो हजार रुपये के नोट बहुत ज्यादा नहीं है।
दूसरा, आम लोग खरीदारी व दूसरे लेन-देन में दो हजार के नोट का इस्तेमाल कर रहे हैं। तीसरी बात यह है कि लोगों के पास चार महीने से ज्यादा का समय अभी है और वह आगे भी एक्सचेंज कर सकते हैं। इसके अलावा जनता पर इस बात का भी असर है कि आरबीआइ ने जोर देकर कहा है कि दो हजार के नोट आगे भी वैध बने रहेंगे।
ग्राहकों से कोई भी पर्ची नहीं भरवाई जाएगी: आरबीआइ
आरबीआइ ने पिछले शुक्रवार को दो हजार के नोट वापस लेने की अपनी मंशा जताई थी और इसके कुछ ही घंटे बाद भारतीय स्टेट बैंक ने अपने सभी शाखाओं को जो निर्देश भेजा था उसमें साफ तौर पर कहा था कि, बीस हजार रुपये तक के दो हजार के नोट एक्सचेंज करने के समये ग्राहकों से कोई भी पर्ची नहीं भरवाई जाएगी। साथ ही एक्सचेंज कराने वाले से कोई भी पहचान पत्र की मांग नहीं की जाएगी।
आरबीआइ ने भी अपने दिशानिर्देश में इस बात का जिक्र नहीं किया था कि शाखा में दो हजार रुपये के एक्सचेंज करवाने वाले ग्राहकों से कोई पहचान पत्र ली जाएगी। मंगलवार को जमीनी तौर पर अलग अलग बैंकों की तरफ से अलग अलग कदम उठाये गये। पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे सरकारी बैंकों ने ग्राहकों से फार्म भरवाये और उन्हें आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ही अगर किसी बैंक में खाता है तो उसका खाता नंबर भी मांगा गया।
जबकि अधिकांश निजी बैंकों व कुछ सरकारी बैंकों ने सिर्फ ग्राहकों से उनके नाम और फोन नंबर की जानकारी मांगी है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, यस बैंक, एक्सिस बैंक, केनरा बैंक पहचान पत्र की मांग नहीं कर रहे । जबकि एक सरकारी बैंक के अधिकारी ने बताया कि, फार्म में ग्राहकों को पहचान पत्र बताने की बात है लेकिन शाखाओं को निर्देश है कि अगर कोई ग्राहक नहीं भी देता है तो उसके 20 हजार रुपये तक बदल दिए जाएं।