छत्तीसगढ़

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया को मिलेगी जेल या बेल? दिल्ली हाई कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

नईदिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया की छह सप्ताह की अंतरिम जमानत याचिका पर सोमवार (5 जून) को अपना आदेश सुनाएगा. जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की कोर्ट अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगी.

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने अपनी बीमार पत्नी का एकमात्र देखभालकर्ता होने के आधार पर कोर्ट से अंतरिम जमानत का अनुरोध किया है. मामले में नियमित जमानत के लिए सिसोदिया की एक याचिका हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है. आबकारी नीति घोटाले के आरोप में नौ मार्च को गिरफ्तार हुए सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं.

कोर्ट ने सिसोदिया की पत्नी की रिपोर्ट मांगी

दिल्ली हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की छह सप्ताह की अंतरिम जमानत अर्जी पर शनिवार (3 जून) को फैसला सुरक्षित रख लिया था और एलएनजेपी अस्पताल से सिसोदिया की पत्नी सीमा के स्वास्थ्य की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी थी.

26 फरवरी को हुए थे गिरफ्तार
मनीष सिसोदिया की जमानत का ईडी ने पहले विरोध किया था. मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने बीती 26 फरवरी को आबकारी घोटाले में उनकी कथित भूमिका को लेकर गिरफ्तार किया था और वह तब से हिरासत में हैं. 

सीबीआई का जमानत देने से इनकार

हाई कोर्ट ने 30 मई को सीबीआई के मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. सिसोदिया को नौ मार्च को ईडी की ओर से दर्ज किए गए मामले में गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. 

ईडी का सिसोदिया पर आरोप

ईडी ने आप नेता सिसोदिया पर शराब नीति में अनियमितताओं का आरोप लगाया है. ईडी का दावा है कि आबकारी नीति में बदलाव करते हुए गड़बड़ी की गई और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिए गए. इसमें सिसोदिया ने मुख्य भूमिका निभाई, क्योंकि उनके पास ही आबकारी विभाग का प्रभार भी था.