छत्तीसगढ़

WTC फाइनल जीतने के लिए टीम इंडिया को बदलना होगा इतिहास, तोड़ना पड़ेगा ओवल का 121 साल पुराना रिकॉर्ड

नई दिल्ली। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया के लिए टारगेट सेट हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी 8 विकेट गंवाकर 270 रन बनाने के बाद घोषित कर दी है। टेस्ट की बादशाहत हासिल करने के लिए भारत के सामने 444 रन का लक्ष्य है। इस टारगेट तक पहुंचने के लिए भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट में अपना ही इतिहास बदलना होगा। इसके साथ ही ओवल के मैदान पर 121 साल पुराना रिकॉर्ड भी ध्वस्त करना पड़ेगा।

टीम इंडिया को बदलना होगा इतिहास

भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट में वर्ल्ड चैंपियन कहलाने के लिए अपना ही इतिहास बदलना होगा। टीम इंडिया ने क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में अब तक सफलतापूर्वक चेज करते हुए 403 रन बनाकर जीत हासिल की है। भारतीय टीम ने यह कारनामा 1976 में वेस्टइंडीज के खिलाफ करके दिखाया था। ऐसे में अगर टेस्ट क्रिकेट की बादशाहत हासिल करनी है, तो टीम को ओवल के मैदान पर नया इतिहास लिखना होगा।

तोड़ना होगा ओवल का 121 साल पुराना रिकॉर्ड

भारतीय टीम को टेस्ट में वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए ओवल के मैदान पर 121 साल पुराना रिकॉर्ड भी ध्वस्त करना होगा। ओवल में सफलतापूर्वक सबसे बड़ा चेज इंग्लैंड ने साल 1902 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हासिल किया था। इंग्लिश टीम ने 263 रन बनाकर जीत का स्वाद चखा था। यानी रोहित की पलटन को ओवल में 121 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त करना होगा। चौथी पारी में कोई भी टीम इस मैदान पर 300 से ज्यादा रन बनाकर आजतक जीत हासिल नहीं कर सकी है। ओवल में सिर्फ 13 बार ऐसा हुआ है, जब चौथी पारी में किसी टीम ने 250 का आंकड़ा पार किया है।

टेस्ट क्रिकेट में चौथी पारी में सफलतापूर्वक सबसे बड़ा चेज वेस्टइंडीज ने किया है। कैरेबियाई टीम ने साल 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए 418 रन बनाकर जीत का स्वाद चखा था। ऐसे में अगर ओवल के मैदान पर भारतीय टीम 444 रन का लक्ष्य हासिल कर लेती है, तो यह टेस्ट का सबसे बड़ा चेज भी होगा।