नईदिल्ली :अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गोपनीय दस्तावेज से जुड़े आपराधिक मामले में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। ट्रंप इस मामले में मियामी की अदालत में पेश होने पहुंचे थे। सुनवाई के बाद उन्हें बिना शर्त कोर्ट से बाहर जाने की अनुमति दे दी गई।
गोपनीय दस्तावेज मामले में दोषी नहीं होने की दी दलील
सुनवाई के दौरान अदालत में ट्रंप ने फिर कहा कि गोपनीय दस्तावेज के मामले में वह दोषी नहीं हैं। इससे पहले, सुनवाई का सामना करने के लिए ट्रंप दोपहर में मियामी पहुंचे और कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में ही गिरफ्तार कर लिया गया।
हाल के महीनों में ट्रंप की अदालत में यह दूसरी पेशी थी। इससे पहले, अप्रैल में वह न्यूयॉर्क की अदालत में पेश हुए थे। उनके खिलाफ एक पॉर्न स्टार को चुप रहने के लिए मोटी रकम देने का आरोप था। उस मामले में भी ट्रंप ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया था। बता दें कि आपराधिक मामले में संघीय जज के सामने पेश होने वाले ट्रंप अमेरिका के पहले पूर्व राष्ट्रपति हैं।
मियामी कोर्ट के बाहर समर्थकों की नारेबाजी
अदालत परिसर के बाहर ट्रंप के तमाम समर्थक इकट्ठा होकर नारेबाजी करते रहे। इनमें से कुछ ने ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ लिखी बेसबॉल कैप पहन रखी थी। समर्थक राष्ट्रपति जो बाइडन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
अंगुलियों के लिए निशान भी
ट्रंप गोपनीय दस्तावेज केस से जुड़े 37 मामलों का सामना करने के लिए कोर्ट पहुंचे। मियामी की अदालत में ट्रंप के फिंगर प्रिंट भी लिए गए। ट्रंप के समर्थकों की भीड़ को देखते हुए कोर्ट परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया था।
ट्रंप के पास थीं 21 गोपनीय फाइलें
आरोपपत्र के अनुसार, पिछले साल एफबीआई ने ट्रंप के पास से 337 सरकारी दस्तावेज बरामद किए थे। इनमें से 21 पर ‘टॉप सीक्रेट’ लिखा हुआ था। इसके अलावा, 9 पर सीक्रेट लिखा हुआ था।
राजनीतिक भविष्य पर भी सवालिया निशान
ट्रंप पहले ऐसे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिन पर केंद्र की ओर से आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों से उनके राजनीतिक भविष्य पर भी सवालिया निशान लगता नजर आ रहा है। क्योंकि वह 2024 में दोबारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं।