इंफाल : मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा देखने को मिली है. इंफाल पूर्व और कांगपोकपी जिले के बीच सीमा पर मौजूद अजिगंज गांव में मंगलवार रात 10 से 10:30 बजे के बीच हुई गोलीबारी हुई. इस हिंसा में 9 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 10 अन्य लोग घायल हो गए हैं. दरअसल, हथियारबंद हमलावरों का एक पूरा ग्रुप गांव में पहुंच गए, जिसके बाद ये हिंसा हुई. पुलिस ने इसकी जानकारी दी है. मणिपुर में हुई हिंसा की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को विस्थापित होना पड़ा है.
हमलावरों से निपटने के लिए जब सुरक्षाबलों की टीम इलाके में पहुंची, तो इससे मुठभेड़ की शुरुआत हुई. इंफाल पूर्व के पुलिस सुपरिटेंडेंट के शिवकांता सिंह ने कहा कि हमें गांव में रात 10 से 10:30 बजे के बीच गोलीबारी की जानकारी मिली. 9 लोगों की मौत हुई है, जबकि 10 लोग घायल हुए हैं.
उन्होंने बताया कि घायल हुए सभी लोगों को अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है. इसमें से एक व्यक्ति ऐसा है, जिसकी हालत नाजुक बताई जा रही है. पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी है कि जिस जगह पर हिंसा रिपोर्ट की गई है, वहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी असम राइफल्स के पास है. फिलहाल हिंसा वाले इलाके में हालात काबू में हैं.
हिंसा में 40 हजार लोग विस्थापित
वहीं, मणिपुर में हुई हिंसा अब तक 115 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 हजार लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. पूर्वोत्तर के इस राज्य में पहाड़ी जिलों में रहने वाले कुकी और इंफाल घाटी में रहने वाले मैतई समुदाय के बीच मई में हुई थी. इसके बाद से ही रुक-रुक कर हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. हिंसा को काबू में करने के लिए पुलिस के साथ यहां पर सेना और असम राइफल्स के जवान भी तैनात हैं. इससे कुछ हद तक हिंसा को काबू करने में कामयाबी भी हासिल हुई है.
केंद्र सरकार ने राज्य में शांति कायम करने के लिए शांति समिति का गठन किया है. सोमवार को मैतई और कुकी समुदाय के प्रमुख नागरिक समाज संगठनों ने शांति समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 1 जून को राज्य में तनाव कम करने और शांति बहाल करने के लिए पैनल गठित करने का ऐलान किया था.