नई दिल्ली। विश्व टेस्ट चैपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भारत की करारी हार ने पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री को टेस्ट फॉर्मेट में खिलाड़ियों के बदलाव के लिए प्रेरित किया है। शास्त्री ने कहा कि टीम मैनेजमेंट और सिलेक्टर्स को ऑस्ट्रेलिया से सीखने की जरूरत है। युवा और सीनियर खिलाड़ियों को मिलाकर एक टीम के रूप में टेस्ट मैच के लिए तैयार करने की जरूरत है।
वेस्टइंडीज दौरे पर तय होगा खिलाड़ियों का भविष्य-
भारत 12 जुलाई से कैरिबियन में दो मैचों की सीरीज के साथ अपने 2023-2025 डब्ल्यूटीसी सत्र की शुरुआत करने जा रहा है। वेस्टइंडीज का दौरा टेस्ट टीम में उम्रदराज खिलाड़ियों को बदलने का पहला संकेत हो सकता है। व का पहला संकेत हो सकता है।
टीम मैनेजमेंट को प्लान की जरूरत-
शास्त्री ने कहा कि सिलेक्टर्स को बैठकर एक प्लान तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की टीम देखती है कि उन्हें कहां पर किस खिलाड़ी की जरूरत है। वह बैठकर पांच साल बाद एक खिलाड़ी के संन्यास लेने का इंतजार नहीं करते। ऑस्ट्रेलिया ने स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर जैसे अनुभवी सितारों के साथ मारनस लाबुस्चगने, ट्रेविस हेड और कैमरन ग्रीन जैसे युवाओं को टीम में जगह देकर मैच में कामयाबी हासिल की।
टीम को लेना होगा कठिन फैसला-
युवा खिलाड़ी सिनियर से जल्दी सीखते हैं और इस कारण ऑस्ट्रेलिया की टीम में दोनों का मिश्रण होता है, जिससे टीम मजबूत होती है। यह कठिन फैसला हो सकता है, जिसे हो सकता है लोग पसंद न करें, लेकिन यह टीम के लिए जरूरी है। आईपीएल के बाद सीधा डब्ल्यूटीसी में आने पर शास्त्री ने कहा कि बीसीसीआई भविष्य में इस पर विचार करेगा कि अगर जून के महीने में हर बार आईपीएल के बाद डब्ल्यूटीसी फाइनल होगा और आपकी टीम फाइनल में पहुंच रही है तो फ्रेंचाइजी के लिए कुछ नियम होने चाहिए।