नईदिल्ली : लोकसभा चुनाव को एक साल से भी कम का वक्त रह गया है. इस चुनाव में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मुद्दा हावी रहने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूसीसी पर बयान के बाद देशभर में इसे लेकर बहस खड़ी हुई है. इस बीच राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने यूसीसी पर बहस को थॉटलेस एक्सरसाइज करार दिया है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि यूसीसी के तहत क्या ‘यूनिफॉर्म’ करने की कोशिश की जा रही है? सिब्बल ने पूछा कि क्या परंपराओं को यूनिफॉर्म किया जाएगा? उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 23 के तहत परंपराएं ही कानून हैं. सरकार को बताना चाहिए कि क्या सिर्फ हिंदुओं पर लागू होने वाला एचयूएफ हटा दिया जाएगा? कपिल सिब्बल ने गोवा को लेकर सवाल किए. उन्होंने कहा कि गोवा पर सरकार क्या करेगी? गोवा में 30 साल की उम्र तक बच्चा न होने पर दूसरी शादी करने की छूट है. ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर सरकार क्या समान करने की कोशिश कर रही है?
9 साल तक UCC पर बात क्यों नहीं की?
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि सबसे पहले तो देश भर की जनता और राजनीतिक दलों को यह पता होना चाहिए कि आखिर बहस हो किस बात पर रही है? उन्होंने कहा कि अगर सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड को ‘लिंग समानता’ के लिए ला रही है, तो वह इसका समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने से पहले देश भर के स्टेक होल्डर से बात की जानी चाहिए. इसमें राजनीतिक दलों से नहीं बल्कि विशेष समुदायों के नेताओं से बात होनी चाहिए. सरकार को इस बातचीत में धार्मिक और गैर धार्मिक संगठनों को शामिल करना चाहिए. कपिल सिब्बल ने यह भी पूछा कि आखिर नौ साल तक सरकार ने इस बारे में कोई बात क्यों नहीं की? कपिल सिब्बल ने कहा कि अभी यूनिफॉर्म सिविल कोड का प्रपोजल ही किसी को मालूम नहीं है. ऐसे में विपक्ष की बेवजह उछल-कूद भी समझ नहीं आ रही. उन्होंने कहा कि जो सामने ही न हो, उसका सहयोग या विरोध आखिर कैसे किया जा सकता है? कपिल सिब्बल ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि नौ साल तक कब्रिस्तान और लव जिहाद की बातें हुई. अब यह मुद्दे खत्म हो गए. इसलिए आगामी चुनावों में ध्रुवीकरण करने के लिए यूसीसी पर बात हो रही है.
गोलवलकर ने यूसीसी पर क्या कहा था?
इस खास बातचीत में कपिल सिब्बल ने अनुच्छेद 370 पर बातचीत करने से इनकार करते हुए कहा कि वह देश के प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों से जानना चाहते हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का प्रपोजल क्या है? कपिल सिब्बल ने कहा कि 3 अगस्त 1972 के ऑर्गेनाइजर में आरएसएस प्रमुख गोलवलकर ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर क्या लिखा था इसके बारे में भी जानना जरूरी है. उन्होंने कहा कि देश में किसी से सहमत और असहमत होने की पूरी आजादी है. कपिल सिब्बल ने कहा कि देश में आज हम सभी को सद्भावना की जरूरत है जिस तरह राजनीतिक दलों जिंदगी और प्रकृति में समानता नहीं है, उसी तरह इसे भी देखे जाने की जरूरत है.
क्या UCC के नाम पर मजाक हो रहा है?
एक सवाल के जवाब में कपिल सिब्बल ने कहा कि कुछ हिंदुओं में भी 18 साल की उम्र से पहले ही शादी हो जाती है. कई इलाकों में जमीन कम होने की वजह से शादी को लेकर अलग परंपराएं हैं, जिस पर वे खुले तौर कुछ कहना नहीं चाहते. कपिल सिब्बल ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बहस होनी चाहिए और इसके बारे में जनता को मालूम भी चलना चाहिए. सिब्बल ने कहा कि जिन राज्यों में यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात चल रही है, वह निराधार हैं. क्या भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में समान नागरिक संहिता होगी और गैर भाजपा शासित राज्यों में यूसीसी नहीं होगा? राज्यसभा सांसद सिब्बल ने कहा कि यह कोई मजाक नहीं है. कपिल सिब्बल ने कहा कि इस विषय पर बातचीत के बाद सहमति बननी चाहिए. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री बेहद बुद्धिमान हैं. हाल ही में उन्होंने यूएसए को बहुत बड़ा ज्ञान दिया. कुछ ज्ञान उन्हें देश की जनता को भी देना चाहिए.