छत्तीसगढ़

ओड़िशा ट्रेन एक्सीडेंट : …तो हादसे से बचा जा सकता था, बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट में रेलवे बोर्ड को सौंपी गई रिपोर्ट में खुलासा

नईदिल्ली : ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना ने कई सवाल खड़े किए थे. अब इसकी जांच के लिए गठित हाई लेवल कमिटी की रिपोर्ट सामने आई है जिसमें पता चला है कि इस हादसे से बचा जा सकता था और कई चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया गया.

ट्रेन दुर्घटना की जांच के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति ने पाया है, ‘हादसे की मुख्य वजह “गलत सिग्नलिंग” थी.’ समिति ने इस मामले में सिग्नलिंग और दूरसंचार (एस एंड टी) विभाग में “कई स्तरों पर चूक” के बारे में भी बताया है. साथ ही संकेत दिया कि अगर पिछली चेतावनी को ध्यान में रखा जाता तो त्रासदी से बचा जा सकता था.

क्या कहा गया रिपोर्ट में?

रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) की ओर से रेलवे बोर्ड को सौंपी गई स्वतंत्र जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सिग्नलिंग कार्य में खामियों के बावजूद, अगर दुर्घटना स्थल बाहानगा बाजार के स्टेशन प्रबंधक ने एस एंड टी कर्मचारियों को दो समानांतर पटरियों को जोड़ने वाले स्विचों के ‘बार-बार असामान्य व्यवहार’ की सूचना दी होती, वे उपचारात्मक कदम उठा सकते थे.

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि बाहानगा बाजार स्टेशन पर लेवल क्रॉसिंग गेट 94 पर ‘इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर’ को बदलने के कार्यों के लिए “स्टेशन-विशिष्ट अनुमोदित सर्किट आरेख (डायग्राम) की आपूर्ति न करना एक ‘गलत कदम था, जिसके कारण गलत वायरिंग हुई.”

रिपोर्ट के मुताबिक फील्ड पर्यवेक्षकों की एक टीम ने वायरिंग आरेख में बदलाव किया और इसे दोहराने में विफल रही. रिपोर्ट में बताया गया है कि गलत वायरिंग और केबल की खराबी के कारण 16 मई, 2022 को दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के बंकरनयाबाज़ स्टेशन पर भी ऐसी ही घटना हुई थी.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अगर इस घटना के बाद गलत वायरिंग की समस्या को दूर करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए गए होते, तो बाहानगा बाजार में दुर्घटना नहीं होती.’ ओडिशा के बालासोर जिले में बाहानगा बाजार के पास 2 जून को हुई दुर्घटना में 292 लोगों की मौत हो गई थी और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.