छत्तीसगढ़

नए नहीं पुराने संसद भवन में ही होगा मानसून सत्र; मीनाक्षी लेखी ने साफ की स्थिति

नईदिल्ली : संसद के आगामी मानसून सत्र को लेकर हाल ही में संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीपीए) की बैठक हुई थी। जिसके बाद सामने आया था कि जुलाई के तीसरे सप्ताह से इसकी शुरुआत हो सकती है। वहीं, अब इसकी तारीख भी सामने आ चुकी है। इसी के साथ यह भी तय हो गया है कि इस बार मानसून सत्र नए संसद भवन में होगा या पुराने में। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने आगामी मानसून सत्र के स्थान को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया कि संसद का मानसून सत्र पुरानी इमारत में शुरू होगा।

20 जुलाई से शुरू होगा मानसून सत्र
केंद्रीय मंत्री लेखी ने यह भी कहा कि संसद का मानसून सत्र पुरानी इमारत में शुरू होगा। इससे पहले, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को घोषणा की थी कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा। उन्होंने बताया था कि सत्र 11 अगस्त तक चलेगा।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह जानकारी ट्वीट करके दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘संसद का मानसून सत्र, 20 जुलाई 2023 से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा। सभी दलों से मानसून सत्र के दौरान विधायी व्यवसाय और अन्य विषयों पर सार्थक चर्चा में योगदान देने का आग्रह करता हूं।’

मानसून सत्र में होंगी 17 बैठकें
जोशी ने यह भी बताया था कि 23 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी। उन्होंने सभी दलों से सत्र के दौरान संसद के विधायी और अन्य कार्यों में रचनात्मक योगदान देने की अपील भी की थी।

इस मुद्दे पर हो सकता है हंगामा
गौरतलब है कि मानसून सत्र में इस बार दिल्ली में उपराज्यपाल को अधिक प्रशासनिक शक्तियां देने वाले केंद्र सरकार के अध्यादेश की जगह आने वाले विधेयक पर हंगामा देखने को मिल सकता है। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर विधेयक के खिलाफ समर्थन मांग रहे हैं। 

केंद्र का यह अध्यादेश दिल्ली सरकार को सेवाओं पर अधिक विधायी और प्रशासनिक नियंत्रण देने वाले सुप्रीम कोर्ट के 11 मई, 2023 के फैसले को रद्द करता है। साथ ही यह ऐसे मामलों में उपराज्यपाल को फैसले लेने का अधिकार देता है।