चंडीगढ़ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समान नागरिक संहिता को लागू करने के बयान पर अभी एक सप्ताह पहले ही आम आदमी पार्टी के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने इसका सैद्धांतिक तौर समर्थन किया था, लेकिन आज मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उसके ठीक विपरीत स्टैंड लेते हुए कहा है कि आप एक सेकुलर पार्टी है और वोट की खातिर इस तरह की विभाजनकारी नीतियों पर नहीं चलती।
उन्होंने कहा कि यह देश विभिन्न धर्मों, जातियों का देश है जिसकी अपनी अपनी परंपराएं हैं। यह तभी हो सकता है जब पूरा देश सभी चीजों में बराबर हो जाए, क्या ऐसा हो चुका है। मुख्यमंत्री आज यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले ही पार्टी के संगठन महासचिव व राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने कहा था कि पार्टी सैद्धांतिक तौर पर समान नागरिक संहिता का समर्थन करती है, लेकिन हम चाहते हैं कि इस पर सभी पक्षों से बहस हो। वहीं, मुख्यमंत्री ने इसके ठीक विपरीत स्टैंड लेते हुए कहा है कि यह भाजपा का छिपा हुआ एजेंडा है और हर बार चुनाव से पहले इस तरह का एजेंडा सामने ले आते हैं। मुझे समझ नहीं आता इसकी जरूरत क्या है?
उन्होंने कहा, भारत एक गुलदस्ता है जिसमें कई रंगों के फूल हैं। हर धर्म की अपनी रस्में हैं और हमें सभी का सम्मान करना चाहिए। हमारे यहां सिखों में चार फेरे लिए जाते हैं तो हिंदुओं में सात फेरे हैं। हम, सुबह 12 बजे से पहले आनंद कारज कर लेते हैं, हिंदुओं में रात को यह रस्में निभाई जाती हैं। मरने पर हमारे यहां अगली पीढ़ी को पगड़ी बांधी जाती है जबकि हिंदुओं में मुंडन होता है। सरकार को इससे क्या फर्क पड़ता है कि कोई कैसे अपनी रस्में निभाता है।
उन्होंने कहा कि संविधान में कहा गया कि ऐसी चीजें तब आएं जब सामाजिक समानता हो जाए क्या हमारे यहां समानता है। दिलचस्प बात यह है कि जब राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने समान नागरिक संहिता पर बयान दिया था तो पंजाब में इंटरनेट मीडिया पर इसका काफी विरोध हुआ। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी भाजपा के एजेंडों को लागू कर रही है।
आज अकाली दल के उपप्रधान डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने इस पर अपना स्टैंड क्लियर करने को कहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि आपके और आपके राज्यसभा सदस्य के बयान में अंतर है। इसको स्पष्ट करें। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली अध्यादेश के मामले में आम आदमी पार्टी का समर्थन करना चाहिए क्योंकि यह मामला केवल दिल्ली का नहीं है। केंद्र सरकार असंवैधानिक काम कर रही है। अगर उन्हें ऐसा करने से नहीं रोका गया तो अन्य राज्यों में भी ऐसा ही करेंगे। कांग्रेस की तीन सरकारें तोड़ी जा चुकी हैं। राहुल गांधी अपनी सदस्यता गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा नुकसान तो कांग्रेस का ही हो रहा है।