छत्तीसगढ़

कांग्रेस राहुल गांधी को बोलने की ट्रेनिंग नहीं दे सकते?, HC के फैसले के बाद हमलावर हुई बीजेपी

नई दिल्ली। मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि के मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। राहुल गांधी को अदालत से लगे झटके के बाद बीजेपी नेता कांग्रेस पर हमलावर हो गए हैं। बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता कर राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया।

राहुल गांधी को नियंत्रित क्यों नहीं कर सकते?

रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेताओं से पूछा कि वह राहुल गांधी को नियंत्रित क्यों नहीं कर सकते? आप उन्हें ठीक से बोलने के लिए प्रशिक्षित क्यों नहीं कर सकते? वह आपके नेता हैं। अगर उन्होंने इस मामले में माफी मांग ली होती तो ये मामला खत्म हो गया होता। रविशंकर ने आगे कहा कि प्रसिद्ध नेताओं और संगठनों को गाली देना, बदनाम करना और लगभग सबसे खराब तरह की गालियां देना राहुल गांधी की पुरानी आदत बन गई है।

बीजेपी नेता ने ये भी कहा, ‘राहुल गांधी ने 2019 के चुनाव में एक टिप्पणी की थी कि सारे चोरों के सरनेम मोदी क्यों होते हैं। देशभर में मोदी सरनेम अधिकांश पिछड़ों और अति पिछड़ों का होता है। ये घोर रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी थी। निचली अदालत ने उन्हें दो साल की सजा दी, जिसके खिलाफ वह सेशन कोर्ट गए। सेशन कोर्ट ने उन्हें बेल तो दे दी लेकिन दोषसिद्धि को स्टे नहीं किया।’

गुजरात हाईकोर्ट का आज का निर्णय स्वागत योग्य है। अभी प्रायोजित टिप्पणियां कांग्रेस की ओर से आ सकती हैं कि इतना हॉर्स पनिशमेंट कोर्ट ने क्यों दिया? तो हमारा जवाब है कि इतना हॉर्स ऑफेंस राहुल गांधी ने क्यों किया?

स्वागत योग्य फैसला

बीजेपी ने कहा कि राहुल गांधी होमवर्क नहीं करते हैं। आज का फैसला स्वागत योग्य है। राहुल गांधी को माफई मांगनी चाहिए। रविशंकर ने कहा कि राहुल गांधी के मानहानि केस में पूरे आचरण को भी नोटिस किया गया है। कोर्ट ने कहा राहुल के खिलाफ कम से कम 10 केस हैं। वीर सावरकर के पोते ने भी उनकी टिप्पणी को लेकर केस किया है। ओबीसी का अपमान करना कांग्रेस की फितरत है। राहुल का अहंकार, लोगों की बेइज्जती, अपमान करने की चाहत उनकी समस्या का कारण है।