नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट में दो अगस्त से रोजाना सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ मामले में अपना फैसला सुनाएगी। अदालत ने मामले में दस्तावेज जमा करने, विभिन्न पक्षों द्वारा लिखित दलीलें देने के लिए 27 जुलाई तक का समय दिया है।
शेहला रशीद की याचिका स्वीकार
इसके साथ ही अदालत ने शेहला रशीद को अनुच्छेद 370 को लेकर चुनौती देने वाली याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम हटाने की याचिका स्वीकार कर ली है, जबकि आईएएस अधिकारी शाह फैसल को लिस्ट से अपना नाम हटाने के लिए आवेदन करने को कहा है।
केंद्र सरकार ने किया अनुच्छेद 370 का बचाव
इससे पहले, केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का बचाव किया है। केंद्र ने अदालत में ताजा हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद पूरे क्षेत्र ने शांति, विकास और संपन्नता का अभूतपूर्व युग देखा है। अनुच्छेद 370 निरस्त करने के ऐतिहासिक संवैधानिक कदम से क्षेत्र में विकास, प्रगति, सुरक्षा और स्थिरता आई है जो अनुच्छेद-370 लागू रहने के दौरान नदारद थी।
जम्मू-कश्मीर में सुधरी सुरक्षा की स्थिति
केंद्र ने ये भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में पहले से काफी सुधार हुआ है, पत्थरबाजी की घटनाएं अब शून्य हैं। इतना ही नहीं, अब आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप आतंकी ईको-सिस्टम खत्म हो गया है। ये सब केंद्र की नीतियों के कारण संभव हो पाया है।
अनुच्छेद 370 हटाकर बने दो केंद्र शासित प्रदेश
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। अनुच्छेद-370 हटाकर केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विभाजित कर दिया था।