यमुनानगर (हरियाणा) : पांच दिन से जारी बारिश से ग्रामीण इलाकों में बने बाढ़ जैसे हालात पर प्रशासनिक अधिकारी राहत कार्य करने में लगे हैं, पर जिला हेडक्वार्टर से महज चार किमी. दूरी पर शहर में ही 70 परिवार पांच दिन से बाढ़ जैसे हालात झेल रहे हैं। यहां बात तेजली खेल परिसर के सामने बसी कॉलोनी की हो रही है, जहां गलियों से लेकर घरों के चारों ओर पांच दिन से तीन फीट पानी भरा है।
कॉलोनी की गलियों में भरा है तीन से पांच फीट पानी
बारिश रुकने पर भी पानी नहीं उतर पा रहा है, चूंकि ना यहां सीवरेज और नालिया हैं और ना ही पास में जोहड़ हैं। ऐसे में यहां बसे 70 परिवार घरों में ही कैद होकर रह गए हैं। जिनके घर की दहलीज पर ही तीन फीट जलभराव है और उसमें भी जहरीले जीव निकल रहे हैं। ये देख महिलाएं व बच्चे जरूरी काम से भी घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, वहीं मजबूरी में पुरुष एक हाथ में चप्पल-जूते तो दूसरे हाथ के सहारे कंधे व सिर पर रख राशन ला रहे हैं।
सात वर्ष पहले अलॉट किए थे सौ-सौ गज प्लॉट, पर नहीं किए निकासी के प्रबंध
यहां सरकार की ओर से सात साल पहले करीब 200 परिवारों को सौ-सौ वर्गगज के प्लॉट अलॉट किए गए थे। इनमें 70 पर परिवार मकान बनाकर रह रहे हैं, जिन्हें वर्षों बाद भी यहां पानी निकासी सहित सड़क, स्ट्रीट लाइट व सफाई जैसी सुविधाओं की दरकार है। अब पांच दिन से बारिश से बने हालात पर निवासी प्रशासन से यहां दौरा कर पानी की निकासी कराने की मांग कर रहे हैं।
किसी के सुख-दुख में भी नहीं जा सकते
राबिया ने कहा कि पांच दिन से जारी बारिश ने यहां के लोगों को घरों में कैद कर दिया है। बारिश रुकती है, पर घरों के बाहर गलियों में तीन फीट तक भरा पानी कम नहीं हो रहा। ऐसे में वह अपने निजी काम के अलावा किसी के सुख-दुख में भी नहीं जा पा रहे हैं।
बाइक पड़ी बंद, तीन फीट पानी से पैदल लाया दवा
मुकेश कुमार ने कहा कि तीन फीट पानी के बीच बाइक से निकलने का प्रयास किया, पर वह भी बंद पड़ गई। उसे ठीक कराने के लिए मैकेनिक पर ले जाना भी मुश्किल हो गया है। घर पर दवा की जरूरत थी, तब हाथों में चप्पल लिए और पेंट कुछ गोडो तक चढ़ाकर बाजार से दवा लेकर आया।
अधिकारी दूर गांवों में जा रहे, शहर की सुध नहीं
सोनू जोगी ने कहा कि अधिकारी ग्रामीण इलाकों में भरे बारिश के पानी का मौका कर राहत कार्य करवा रहे हैं, पर शहर में ही जिला हेडक्वार्टर से कुछ दूरी तेजली समीप उनके यहां पांच दिन से तीन फीट पानी भरा है। जो बारिश रुकने पर भी नहीं उतर रहा। जिसे निकालना तो दूर कोई अधिकारी यहां मौका करन भी नहीं आया है।
पेंशन का पता करने जाना था, पर जाऊं कैसे
सियाराम ने कहा कि यहां गलियां-सड़कें भी नहीं बनी। इससे पांच दिन से भरे तीन फीट पानी के नीचे भी कीचड़ जमा है। अगर पैदल भी पानी से निकलने का प्रयास किया तो फिसलकर गिरने का घर है। इसलिए पेंशन का पता करने जाना था, पर हालात देख घर के बाहर नहीं निकल पाए।
पढ़ाई और खेल भी छूट रहे
अजीत ने कहा कि पांच दिन की बारिश ने उस सहित आसपास के बाकी बच्चों व किशोरों की पढ़ाई व खेल छूट रहे हैं। क्योंकि इसके लिए वह घर से बाहर ही नहीं निकल पा रहा हैं। मोबाइल के सहारे ही पढ़ाई, खेल व मनोरंजन में पूरा दिन निकल रहा है।
स्कूल खुलेे तो इतने पानी में कैसे भेजें बच्चे?
कुसुम ने कहा कि शुक्र है स्कूलों की चार दिन छुट्टी हो गई, क्योंकि स्कूल खुलते तो भी बच्चों को स्कूल ना भेज पाते। गुरुवार को स्कूल खुलने हैं, तब भी बारिश का पानी नहीं उतरा तो भी बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाएंगे। क्षेत्र के पीछे ट्यूबवेल के पास कचरा डंप होता है, इसलिए बारिश के पानी में जौंक, सांप व अन्य जहरीले जीव भी निकल रहे हैं। इससे डर का माहौल बना हुआ है।