छत्तीसगढ़

देश के 54 शहरों में टमाटर के दाम 150 के पार, 300 तक बढ़ सकती हैं कीमतें; जानें इसके पीछे की वजह

नई दिल्ली। देशभर में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं और फिलहाल इनमें कोई कमी होती नहीं दिख रही है। पिछले दिनों चंडीगढ़ में तो इसके फुटकर दाम 300 से 350 रुपये प्रति किलो पहुंच गए। वहीं, गाजियाबाद में टमाटर 250 रुपये किलो तक बिका। इस बीच कृषि विशेषज्ञों ने कहा है कि टमाटर की कीमतें और भी अधिक बढ़ सकती हैं और आने वाले हफ्तों में 300 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं। 

टमाटर के दाम बढ़ने से लोग परेशान हैं। कई लोग सब्जियों में टमाटर का इस्तेमाल करना भी बंद कर चुके हैं। इस बीच हमें जानना जरूरी है कि टमाटर के दाम देश के अलग-अलग हिस्सों में क्या हैं? अभी कीमतें क्यों बढ़ रही हैं? क्या आगे राहत मिलेगी और स्थिति से निपटने के लिए सरकार क्या कर रही है?

टमाटर के दाम देशभर में क्या हैं?
देशभर में टमाटर के खुदरा दाम बढ़ गए हैं। जून में कीमतें 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर जुलाई के पहले सप्ताह में औसतन 100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। उपभोक्ता मामले विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 14 जुलाई को टमाटर की औसत कीमत 117.64 रुपये/किलो, अधिकतम कीमत 244 रुपये/किलो, न्यूनतम कीमत 40 रुपये/किलो और मॉडल कीमत 100 रुपये/किलो रही। 

इन जगहों में सबसे ज्यादा दाम  
उपभोक्ता मामले विभाग के मुताबिक, देश में कम से कम 54 शहरों में टमाटर की कीमत 150 रुपये/किलो या इससे ज्यादा है। सबसे ज्यादा टमाटर के दाम 244 रुपये/किलो होशियारपुर में हैं। इसके बाद हापुड़ में कीमत 230, बागपत में 200, कृष्णानगर में 198, मानसा में 197 और बरनाला, श्री मुक्तसर साहिब, अमरोहा व गाजियाबाद में 190 रुपये/किलो है। 

इन शहरों में कीमत 100 रुपये से नीचे 
आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में कम से कम 92 शहर ऐसे हैं जहां टमाटर के दाम 100 रुपये प्रति किलो से कम हैं। सबसे कम कीमत दक्षिण शालमारा मनकाचर और मामित में है। इन दोनों जगहों पर एक किलो टमाटर 40 रुपये में मिल रहा है। इसके बाद धुबरी में दाम 42, कोलार में 47, नागौर में 48 और मंगलदोई, अशोकनगर, झुंझुनू, पाकुड़ व गोलाघाट में 50 रुपये/किलो हैं। 

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सोलन सब्जी मंडी में टमाटर 

टमाटर की कीमतें क्यों बढ़ीं?
भारी बारिश के कारण देश के विभिन्न क्षेत्रों से आपूर्ति प्रभावित होने के कारण देशभर में टमाटर की खुदरा कीमतें बढ़ गई हैं। गुरुवार को चंडीगढ़ मंडी में टमाटर का खुदरा भाव प्रति किलो 350 रुपये तक बिका। सेक्टर-26 सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान बृजमोहन ने बताया कि हिमाचल और पंजाब में भारी बारिश से खेतों में टमाटर की फसल सड़ गई है। बरसात के दौरान किसान खेत में काम नहीं कर पाए। जो माल खेतों से निकला था, वह रास्ता बंद होने के कारण यहां नहीं पहुंच पाया। इन दोनों वजह से टमाटर समेत अन्य सब्जियों की कीमतों में उछाल आया है। 

देश में आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और तमिलनाडु प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में हैं। कृषि मंत्रालय के अनुसार, देश के कुल उत्पादन में इन राज्यों की हिस्सेदारी 91 फीसदी है। नेशनल कमोडिटीज मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (एनसीएमएल) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय गुप्ता कहते हैं, ‘वर्तमान आपूर्ति केवल दक्षिणी और कुछ पूर्वोत्तर क्षेत्रों से हो रही है।’

संजय आगे कहते हैं, ‘टमाटर एक छोटी अवधि की फसल है जो गर्मी और कीटाणुओं के प्रति बेहद संवेदनशील है। जब फरवरी-मार्च के बीच देश के बड़े हिस्से में शुरुआती गर्मी की लहर आई तो फसल का कुछ हिस्सा नष्ट हो गया। इस साल की शुरुआत में दो अलग-अलग वायरस ने भी महाराष्ट्र और कर्नाटक में पैदावार को प्रभावित किया। देश के दक्षिणी हिस्सों, खासकर महाराष्ट्र में भी उत्पादन कम रहा है, क्योंकि उत्पादक मई में अत्यधिक गर्मी और फिर जून में बेमौसम बारिश को जिम्मेदार मानते हैं।’

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मीठापुर सब्जी मंडी में टमाटर 

क्या आगे राहत मिलेगी?
टमाटर का फसल चक्र आमतौर पर 60-90 दिन का होता है। टमाटर उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के कारण बुआई संभव नहीं है। इस प्रकार कीमतें स्थिर होने में अधिक समय लग सकता है।

विशेषज्ञ संजय गुप्ता बताते हैं कि ज्यादातर किसान मई और जून के दौरान टमाटर नहीं बोते हैं। उनका कहना है कि किसान इसे दोबारा तभी बोएंगे, जब बारिश धीमी हो जाएगी। इस प्रकार अधिकांश क्षेत्रों में रोपाई जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में होगी। रोपाई से लेकर कटाई तक कम से कम 60 दिन लगेंगे।

हालांकि, विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन सीजन अलग-अलग होते हैं। नई फसल की आवक नासिक जिले, नारायणगांव और महाराष्ट्र के औरंगाबाद बेल्ट से होने की उम्मीद है, जहां कम वर्षा हुई है। अगस्त के अंत और सितंबर की शुरुआत में कीमतें स्थिर होनी शुरू हो सकती हैं।

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सरकार क्या कर रही है? 
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बढ़ती खुदरा कीमत पर अंकुश लगाने के लिए प्रमुख उपभोग केंद्रों में वितरण के लिए 12 जुलाई को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर की खरीद का आदेश दिया। विभाग ने कहा है कि प्रमुख उपभोग केंद्रों में एक साथ वितरण के लिए आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर उठाए जा रहे हैं। ये ऐसे स्थान हैं जहां खुदरा कीमतों में पिछले एक महीने में सबसे अधिक बढ़ोतरी हो गई है।

इसके साथ ही विभाग ने कहा है कि प्रतिकूल मौसम के कारण अस्थायी आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान और फसल क्षति के कारण कीमतों में अचानक वृद्धि हुई है। नई फसल की आवक जल्द ही होने की उम्मीद है। भविष्य में कीमतें कम होने की उम्मीद है।

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दिल्ली-एनसीआर में मिलेगा सस्ता टमाटर
इस बीच, राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) ने लोगों के लिए राहत भरी खबर का एलान किया है। एनसीसीएफ ने घोषणा कि है कि वह 90 रुपये किलो टमाटर उपलब्ध कराएगी।

एनसीसीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में मोबाइल वैन के माध्यम से 90 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दरों पर टमाटर बेचा जाएगा। उन्होंने टमाटर बिकने वाली जगहों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नोएडा में रजनीगंधा चौक पर मौजूद एनसीसीएफ ऑफिस में टमाटर बेचा जाएगा। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा और अन्य स्थानों पर मोबाइल वैन के जरिये से टमाटर बेचे जाएंगे।अधिकारी के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के अलावा सहकारी संस्था वीकेंड पर लखनऊ, कानपुर और जयपुर जैसे अन्य शहरों में भी टमाटर की बिक्री शुरू करेगी। लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने सहकारी समितियों, एनसीसीएफ और नाफेड को टमाटर बेचने का आदेश दिया है।