नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है। इस याचिका में राहुल ने गुजरात उच्च न्यायालय के सात जुलाई के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई थी।
मुख्य न्यायाधीश की पीठ करेगी सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी द्वारा अपील को 21 जुलाई या 24 जुलाई को सूचीबद्ध करने की मांग के बाद याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुई। पीठ ने कहा कि वह इस पर 21 जुलाई को सुनवाई करेगी।
राहुल ने क्या तर्क दिया?
- 15 जुलाई को दायर अपनी अपील में राहुल ने कहा है कि अगर फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे बोलने, अभिव्यक्ति, विचार और बयान की आजादी का गला घोंट दिया जाएगा।
- उन्होंने तर्क दिया कि यदि उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोकतांत्रिक संस्थानों को व्यवस्थित, बार-बार कमजोर करने और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का गला घोंटने में योगदान देगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा।
2019 में राहुल के खिलाफ दायर हुआ मानहानि का मामला
गुजरात सरकार में पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 2019 में राहुल के खिलाफ उनके 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की गई टिप्पणी ‘सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है?’ पर आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।