नईदिल्ली : केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की ओर से की गई आलोचना पर पलटवार किया है. गद्दार कहे जाने पर सिंधिया ने कहा कि ऐसा था तो उन्हें और उनके पिता माधवराज सिंधिया को कांग्रेस ने पार्टी में शामिल क्यों किया था. उन्होंने कहा कि जिन्होंने इतिहास का एक पन्ना भी नहीं पढ़ा है, उन्हें जो बोलना हो वह बोलें. सिंधिया ने कहा कि उनके विचार और विचारधारा मध्य प्रदेश और राष्ट्र के लिए समर्पित हैं.
उन्होंने कहा, “देखो वे अपना काम करेंगे, जिन्होंने इतिहास का एक पन्ना भी नहीं पढ़ा है उन्हें जो बोलना है बोलने दीजिए. मेरे और मेरे परिवार के कर्म, विचार और विचारधारा ग्वालियर, ग्वालियर संभाग, मध्य प्रदेश और राष्ट्र के लिए समर्पित हैं… यदि उन्हें इतनी ही चिंता थी तो उन्होंने मेरे पिताजी (माधवराव सिंधिया), और फिर मुझे कांग्रेस में क्यों शामिल किया.”
प्रियंका गांधी की रैली से पहले लगाए थे पोस्टर
पिछले दिनों प्रियंका की यात्रा के दौरान स्मारक पर पोस्टर लगाए गए थे कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सिंधियाओं ने रानी लक्ष्मीबाई, और 1969 एवं 2020 में कांग्रेस को धोखा दिया. हालांकि, पुलिस इन पोस्टरों को हटा दिया था.
प्रियंका गांधी बोलीं, विश्वासघात का इतिहास दोहराया जा रहा
21 जुलाई को रैली में प्रियंका के बोलने से पहले विपक्ष के नेता गोविंद सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “पहले इस परिवार (सिंधिया) ने लक्ष्मीबाई को धोखा दिया और फिर 1967 में कांग्रेस को धोखा दिया (जब ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस को गिरा दिया) और अब अपनी संपत्ति बचाने के लिए 2020 में कांग्रेस की सरकार गिराकर विश्वासघात किया”‘
उन्होंने आरोप लगाया, “लक्ष्मीबाई ने यहीं अंतिम सांस ली. भिंड की जनता ने उनका समर्थन किया. वह ग्वालियर के महाराज के अनुरोध पर यहां आई थीं. अगर लक्ष्मीबाई को साथ मिलता तो आजादी 100 साल पहले ही आ गई होती. विश्वासघात का इतिहास दोहराया जा रहा है.”