नईदिल्ली : एशियन गेम्स के लिए ट्रायल छूट पर विनेश फोगाट ने सोमवार (24 जुलाई) को इसका विरोध करने वालों को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वह ट्रायल से डरी नहीं हैं. वह केवल ट्रेनिंग के लिए समय चाहती थीं.
विनेश फोगाट ने कहा, “दुख होता है कि जूनियर पहलवानों ने हमें कोर्ट में घसीटा, लेकिन यह देखकर भी खुशी होती है कि उन्होंने अपने अधिकारों के लिए बोलना शुरू कर दिया है.”
वहीं, बजरंग पूनिया ने कहा “पूरे कुश्ती जगत को एक साथ बैठना चाहिए. हम बहस कर सकते हैं. अगर हम गलत साबित हुए तो कुश्ती छोड़ देंगे.
हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप से किया इनकार
बता दें कि, दिल्ली हाई कोर्ट ने पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को एशियाई खेलों के ट्रायल से दी गई छूट में हस्तक्षेप करने से शनिवार (22 जुलाई) को इनकार कर दिया था.
अंडर-20 की अंतिम पंघाल ने दायर की थी याचिका
दरअसल, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को सीधे प्रवेश के खिलाफ अंडर-20 विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल और अंडर-23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
क्यों दी गई दोनों खिलाड़ियों को ट्रायल से छूट
फोगाट और पूनिया को ट्रायल में छूट दिए जाने का विरोध तेज होता देख भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के एडहोक कमेटी के सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा ने बताया था कि खिलाड़ियों को छूट क्यों दी गई.
उन्होंने कहा था, ”छूट देने को लेकर पुरानी पॉलिसी चलती आ रही है. आप वेबसाइट पर देखिए पता लगेगा. सिलेक्शन पॉलिसी में है कि आप अच्छे खिलाड़ियों को छूट दे सकते हैं ताकि वो घायल नहीं हो. पिछले एशियन गेम्स में भी हुआ था.”
बृजभूषण ने भी की थी फैसले की निंदा
पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को बिना ट्रायल के एशियन गेम्स में खेलने के लिए मिली एंट्री पर बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की भी प्रतिक्रिया सामने आई थी.
बृजभूषण ने कहा था, “मैं एड हॉक समिति के फैसले से निराश हूं. इससे इस देश में कुश्ती के खेल को नुकसान होगा. इस खेल को ऊपर लाने में काफी लोगों ने मेहनत की है. खिलाड़ियों ने, उनके माता-पिता ने और इस खेल के प्रशंसकों ने बहुत मेहनत की है. सारी मेहनत खराब हो रही है.”