नईदिल्ली : भारत ने गुरुवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में जीत जरूर हासिल की, लेकिन उसके लिए भारतीय बल्लेबाजों को काफी संघर्ष करना पड़ा। 115 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने पांच विकेट गंवा दिए। कप्तान रोहित शर्मा और टीम मैनेजमेंट ने इस मैच में बैटिंग ऑर्डर और बॉलिंग ऑर्डर में कई बदलाव किए। जहां ईशान किशन और शुभमन गिल को ओपनिंग के लिए भेजा गया, वहीं रोहित सातवें नंबर पर बैटिंग करने आए। मुख्य गेंदबाजों के रहते हार्दिक पांड्या से ओपनिंग बॉलिंग कराई गई।
अब सवाल यह उठता है कि जब टीम इंडिया के सामने वर्ल्ड कप से पहले तैयारी के लिए अधिकतम 11 वनडे मैच बचे हैं, ऐसे में क्या टीम में इतने प्रयोग करना टीम मैनेजमेंट के लिए सही है? 2019 वनडे विश्व कप से पहले भी भारतीय टीम मैनेजमेंट ने यही प्रयोग किया था। इसका खामियाजा टीम इंडिया को विश्व कप में चुकाना पड़ा था, जब ऐन मौके पर पूरी टीम ढह गई थी। इस साल भारत में ही विश्व कप होना है, उससे पहले टीम इंडिया और चयनकर्ताओं के सामने कई सवाल हैं, जिनका उन्हें हल ढूंढना जरूरी है।
पहले जानते हैं 2019 वर्ल्ड कप से पहले क्या हुआ था?
2019 वर्ल्ड कप के दौरान विराट कोहली कप्तान थे और रवि शास्त्री टीम इंडिया के कोच थे। भारतीय टीम मैनेजमेंट ने वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया में काफी प्रयोग किए थे। चयनकर्ताओं ने लगभग हर सीरीज के लिए स्क्वॉड में बदलाव किए। तीन, चार या पांच मैचों की वनडे सीरीज में तो शुरुआत में दो वनडे के लिए टीम चुनी और फिर बचे मैचों के लिए अलग टीम चुनी। बल्लेबाजी से लेकर गेंदबाजी, हर डिपार्टमेंट में खिलाड़ियों को बदला गया।
हालांकि, कुछ खिलाड़ी हर सीरीज में कॉमन रहे। इनमें विराट के अलावा उपकप्तान रोहित शर्मा, शिखर धवन, महेंद्र सिंह धोनी और अंबाती रायुडू हर सीरीज के लिए चुने गए। साल 2018 के आखिरी दो सीरीज तक केदार जाधव टीम इंडिया के प्लान में नहीं थे। उन्हें ड्रॉप किया गया था। तब ऋषभ पंत और केएल राहुल टीम में आए। इसके अलाव मनीष पांडे, खलील अहमद और उमेश यादव को भी मौका दिया गया। फिर 2018 में ही भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अचानक वनडे स्क्वॉड में मोहम्मद सिराज और दिनेश कार्तिक की एंट्री हुई।
केदार जाधव भी टीम में आए। फिर अचानक विजय शंकर को स्क्वॉड में शामिल किया गया और तेज गेंदबाद सिद्धार्थ कौल को भी मौका दिया गया। रायुडू ने बताया कि चयनकर्ताओं ने 2019 विश्व कप से पहले उन्हें लगातार मौका दिया और कहा कि टूर्नामेंट के लिए तैयार रहना। फिर जब विश्व कप के लिए स्क्वॉड का एलान हुआ तो उसमें रायुडू नहीं थे और विजय शंकर को सरप्राइज के तौर पर शामिल किया गया।
जो मयंक अग्रवाल वर्ल्ड कप से पहले चार वनडे सीरीज में टीम इंडिया का हिस्सा नहीं थे, उन्हें अचानक से शामिल कर लिया गया। कार्तिक भी टीम इंडिया में थे। भारतीय टीम सेमीफाइनल में तो पहुंचने में कामयाब रही थी, लेकिन सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। लगातार प्रयोग करना टीम इंडिया को भारी पड़ा था। यही गलती 2023 विश्व कप से पहले भी हो रही है। टीम मैनेजमेंट तय 15 खिलाड़ियों को मौका देने की बजाय अन्य खिलाड़ियों को भी मौका दे रहा है। ऐसे में टीम इंडिया के लिए यह घातक साबित हो सकता है।
1. बल्लेबाजी क्रम में लगातार बदलाव
विश्व कप से ठीक पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में कप्तान रोहित और टीम मैनेजमेंट ने ईशान और शुभमन से ओपनिंग करवाया। जब रोहित बैटिंग के लिए मौजूद थे तो 115 रन के छोटे लक्ष्य के लिए भी यह बदलाव क्यों किया गया? भारत ने इस छोट लक्ष्य का हासिल करने में पांच विकेट गंवा दिए। शुभमन (7), सूर्यकुमार यादव (19), हार्दिक पांड्या (5) और शार्दुल ठाकुर फ्लॉप रहे। ईशान ने जरूर 52 रन की पारी खेली।
वहीं, आखिर में जब कोई बल्लेबाज नहीं बचा तो रोहित को खुद बल्लेबाजी के लिए आना पड़ा। यही काम वह शुरुआत में आ कर भी कर सकते थे। भारतीय पांच विकेट की जगह 10 या नौ विकेट से जीत हासिल करती तो एक अच्छा मैसेज जाता। 2020 के बाद और 2023 से पहले भारत की दो टीमें खेल रही थीं। टेस्ट टीम अलग और वनडे टीम अलग।
वनडे टीम के लिए धवन और शुभमन ओपनिंग कर रहे थे। इसके बाद एक सीरीज में धवन और रोहित ने ओपनिंग की। काफी दिनों बाद धवन और रोहित ने वनडे (बांग्लादेश के खिलाफ) में ओपनिंग की और यह धवन का आखिरी सीरीज साबित हुआ। इसके बाद से वह टीम इंडिया में नहीं चुने गए हैं। तब से शुभमन और रोहित ही टीम इंडिया के लिए ओपनिंग कर रहे हैं।
2. मध्यक्रम तय नहीं
भारतीय टीम में मध्यक्रम भी तय नहीं है। टीम मैनेजमेंट में लगातार प्रयोग कर रहा है। नंबर-चार की समस्या अब तक सुलझी नहीं है। कभी श्रेयस अय्यर तो कभी सूर्यकुमार यादव को इस नंबर पर बल्लेबाजी कराई जा रही है। सूर्यकुमार ने टी20 में जरूर शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन वनडे में वह फिसड्डी रहे हैं। अब तक वह 24 वनडे खेल चुके हैं और 23.79 की औसत से सिर्फ 452 रन बनाए हैं। इसमें सिर्फ दो अर्धशतक है।
श्रेयस अय्यर ने नंबर चार पर अच्छी बल्लेबाजी तो की है, लेकिन वह नियमित नहीं रहे हैं। ज्यादातर समय वह चोट से जूझते रहे हैं। नंबर तीन पर विराट का खेलना तय है। वहीं, पांचवें और छठे नंबर पर भी बल्लेबाज तय नहीं है। ऋषभ पंत के एक्सीडेंट के बाद से विकेटकीपर बल्लेबाज की तलाश जारी है। ईशान किशन, केएल राहुल या संजू सैमसन, भारतीय टीम मैनेजमेंट इनमें से चुन पाने में कन्फ्यूज नजर आ रहा है। राहुल तो खेलने से ज्यादा चोटिल ही रहे हैं। सैमसन को स्क्वॉड में चुनने के बावजूद मौका नहीं मिल रहा है। वहीं, ईशान के दोहरे शतक के बाद वनडे से उन्हें ड्रॉप ही कर दिया गया था।
3. चोटिल खिलाड़ियों की बढ़ी संख्या
भारतीय टीम में पिछले कुछ समय से उन खिलाड़ियों के साथ खेल रही है, जिनका वर्ल्ड कप खेलना तय नहीं है। श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा और ऋषभ पंत पिछले काफी समय से चोटिल हैं। ये खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए खेलने से ज्यादा चोटिल रहे हैं। बुमराह ने तो जुलाई 2022 के बाद से कोई वनडे नहीं खेला है, वहीं राहुल भी आईपीएल के बाद से बाहर हैं और कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेल पाए हैं।
श्रेयस अय्यर तो फरवरी में चोटिल हुए थे और अब तक वापसी नहीं कर सके हैं। प्रसिद्ध कृष्णा का भी यही हाल है। प्रसिद्ध को छोड़ दें तो बाकी तीनों वर्ल्ड कप प्लान का हिस्सा हैं। माना जा रहा है कि बुमराह, राहुल और श्रेयस एशिया कप खेलेंगे। ऐसे वर्ल्ड कप से ऐन पहले इन्हें मौका देना और कुछ मैच प्रैक्टिस नहीं मिलना टीम इंडिया के लिए घातक साबित हो सकता है।
खिलाड़ी | मैच |
---|---|
विराट कोहली | 39 |
शिखर धवन | 37 |
श्रेयस अय्यर | 36 |
कुलदीप यादव/केएल राहुल/शार्दुल ठाकुर | 31 |
रोहित शर्मा | 29 |
सूर्यकुमार यादव | 24 |
युजवेंद्र चहल/मोहम्मद शमी/मोहम्मद सिराज/ शुभमन गिल | 23 |
रवींद्र जडेजा | 22 |
हार्दिक पांड्या/ऋषभ पंत | 21 |
ईशान किशन/वॉशिंगटन सुंदर | 15 |
जसप्रीत बुमराह/प्रसिद्ध कृष्णा | 14 |
अक्षर पटेल | 13 |
दीपक चाहर | 12 |
संजू सैमसन | 11 |
दीपक हुड्डा/भुवनेश्वर कुमार | 10 |
उमरान मलिक | 9 |
केदार जाधव/नवदीप सैनी | 8 |
मनीष पांडे/पृथ्वी शॉ | 6 |
मयंक अग्रवाल/आवेश खान/क्रुणाल पांड्या | 5 |
खलील अहमद/अर्शदीप सिंह | 3 |
4. विकेटकीपर को लेकर माथापच्ची
टीम इंडिया में विकेटकीपर को लेकर माथापच्ची जारी है। ऋषभ पंत के चोटिल होने के बाद से केएल राहुल को इस रोल के लिए अहम माना जा रहा था। इसके बाद वह भी चोटिल हो गए। ऐसे में ईशान किशन को मौका दिया गया। ईशान अभी तो खेल रहे हैं, लेकिन राहुल की वापसी के बाद क्या वह इस रोल पर कायम रहेंगे, यह बड़ा सवाल है। जो खिलाड़ी पूरे साल खेलता रहा, राहुल के आने के बाद उसकी टीम इंडिया में जगह पक्की नहीं होगी। वहीं, सैमसन का भी खेलना तय नहीं है।
5. सूर्यकुमार या सैमसन?
श्रेयस अय्यर के चोटिल होने के बाद से सूर्यकुमार को वनडे में मौका दिया जा रहा है, लेकिन वह रन नहीं बना पा रहे हैं। ऐसे में टीम मैनेजमेंट ने फिर भी उन पर भरोसा जताया और सैमसन को टीम से बाहर रखा। एक जनवरी 2021 के बाद से सूर्यकुमार ने 24 वनडे में 23.78 की औसत से 452 रन बनाए। वहीं, इसी समय में सैमसन को सिर्फ 11 वनडे में मौका मिला और उन्होंने 66 की औसत से 330 रन बनाए। इसके बावजूद सूर्यकुमार को लगातार मौके मिलते रहे।
6. भारत के गेंदबाज तय नहीं?
बुमराह के चोटिल होने के बाद से मोहम्मद सिराज और मोहम्मद शमी वनडे में टीम इंडिया के स्ट्राइक बॉलर बने हुए हैं। इसके अलावा हार्दिक पांड्या तीसरे पेस बॉलर की भूमिका निभा रहे हैं। वर्ल्ड कप भारत में होना है और यहां के कंडीशन को देखते हुए टीम इंडिया तीन तेज गेंदबाजों के साथ ही उतरेगी। अब बुमराह की वापसी के बाद सिराज को बाहर किया जा सकता है। शमी और बुमराह स्ट्राइक बॉलर होंगे, जबकि हार्दिक तीसरे पेसर। ऐसे में वह गेंदबाज (सिराज) जो पिछले काफी समय से आपका स्ट्राइक बॉलर रहा है, उसको नहीं खिलाना कितना घातक साबित होगा, यह तो समय ही बताएगा।
2023 विश्व कप में भारत का शेड्यूल
वनडे विश्व कप की शुरुआत पांच अक्तूबर से इंग्लैंड बनाम न्यूजीलैंड मैच से हो रही है। पहला मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा। वहीं, टीम इंडिया अपने अभियान की शुरुआत आठ अक्तूबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से करेगी। यह मुकाबला चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जाएगा। वहीं, भारत का ग्रुप राउंड में पाकिस्तान से 15 अक्तूबर को महामुकाबला होगा। यह मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा।
वर्ल्ड कप में भारत के मैच
तारीख | खिलाफ | जगह |
8 अक्तूबर | ऑस्ट्रेलिया | चेन्नई |
11 अक्तूबर | अफगानिस्तान | दिल्ली |
15 अक्तूबर | पाकिस्तान | अहमदाबाद |
19 अक्तूबर | बांग्लादेश | पुणे |
22 अक्तूबर | न्यूजीलैंड | धर्मशाला |
29 अक्तूबर | इंग्लैंड | लखनऊ |
2 नवंबर | श्रीलंका | मुंबई |
5 नवंबर | दक्षिण अफ्रीका | कोलकाता |
11 नवंबर | नीदरलैंड | बेंगलुरु |
15 नवंबर | सेमीफाइनल-1 | मुंबई |
16 नवंबर | सेमीफाइनल-2 | कोलकाता |
19 नवंबर | फाइनल | अहमदाबाद |