नईदिल्ली : चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल गया है और अच्छी स्थिति में है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार (1 अगस्त) को कहा कि चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलकर चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है.
इसरो ने कहा कि आज के पेरिगी बर्न ने चंद्रयान-3 की कक्षा को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा दिया है. इस कक्षा में अंतरिक्ष यान चंद्रमा के प्रभाव क्षेत्र में प्रवेश करता है. अंतिरक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठाकर चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया को मंगलवार सुबह अंजाम दिया गया.
क्या होगा चंद्रयान-3 का अगला कदम?
इसरो ने बताया कि इससे चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलकर ट्रांसलूनर कक्षा में चला गया और चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ने लगा. उसे अब चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने में करीब पांच दिन लगेंगे. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क में चंद्रयान-3 को चंद्रमा के करीब ले जाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया.
इसरो ने चंद्रयान को ट्रांसलूनर कक्षा में प्रवेश करवाया. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रयान-3 ने पृथ्वी के आसपास अपनी कक्षाओं का चक्कर पूरा कर लिया है और अब वह चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है. अगला कदम चंद्रमा है. उसके चंद्रमा के करीब पहुंचने के बीच पांच अगस्त 2023 को लूनर-ऑर्बिट इंसर्शन (चंद्र-कक्षा अंतर्वेश) की प्रक्रिया को अंजाम देने की योजना है.
कब होनी है चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग?
इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को ट्रांसलूनर-इंजेक्शन (टीएलआई) के बाद चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल गया और अब वह उस पथ पर अग्रसर है, जो उसे चंद्रमा के करीब ले जाएगा. इसरो ने कहा है कि वह आगामी 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश करेगा.
14 जुलाई को की गई थी लॉन्चिंग
इससे पहले चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को प्रक्षेपित किए जाने के बाद से उसे कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया को पांच बार सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था. गौरतलब है कि, साल 2019 में चंद्रयान-2 मिशन का लैंडर चंद्रमा की सतह पर क्रैश हो गया था.