छत्तीसगढ़

नूंह हिंसा : मंदिर से 2500 लोगों को बचाने वाली एडीजीपी ममता सिंह कौन हैं? गृह मंत्री ने भी की तारीफ

नईदिल्ली : गुरुग्राम में भीड़ के एक मस्जिद पर किए गए हमले में इसके नायब इमाम की मौत हो गई. इसी के साथ हरियाणा के नूंह जिले में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की शोभा यात्रा को रोकने की कोशिश करने पर भड़की हिंसा में मृतक संख्या बढ़कर पांच हो गई है. कई पुलिस गांडियों को फूंक दिया गया.

ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में नूंह जिले में यात्रा के दौरान हुई हिंसा में नल्लहड़ मंदिर में 2500 फंसे लोगों को बचाने में सफल रहीं लेडी सिंघम अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) यानी एडीजीपी ममता सिंह की बहादुरी और दिलेरी की काफी तारीफ हो रही हैं. इसको लेकर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने भी उनकी दिलेरी की सराहना करते हुए बताया कि एडीजी ममता सिंह ने ये काम कैसे किया. 

अनिल विज ने कहा, ”मंदिर में जब बड़ी संख्यों में लोगों को बंदी बना लिया गया था. यहां से निकलना काफी मुश्किल था. मंदिर के अंदर से ही जिम्मेवार लोगों ने मेरे पास गूगल लोकशन भेजी. मैंने ये बात प्रशासन को कही तो ममता सिंह ने बड़ी दिलेरी के साथ पुलिस फोर्स को लीड किया. उन्होंने सारे लोगों को छुड़ाया.”

ममता सिंह कौन है?
ममता सिंह 1996 बैच की आईपीएस अधिकाऱी हैं. एमएमबीएस यानी डॉक्टर बनने की पढ़ाई छोड़कर पुलिस सेवा में आई ममता सिंह के तेवर कानून व्यवस्था को लेकर काफी सख्त रहे हैं. वो बाबा राम रहीम की मुंह बोली बेटी हरमनप्रीत सिंह से निपटने को लेकर भी काफी सुर्खियों में रह चुकी हैं.  

ममता सिंह को राष्ट्रपति से भी पदक मिल चुका है. इसके अलावा  मानवाधिकार आयोग की कई जांच में ममता सिंह के योगदान पर सुप्रीम कोर्ट उनकी तारीफ कर चुका है.

ममता सिंह क्या बोली?
एडीजीपी ममता सिंह न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि हिंसा से सबसे ज्यादा नूंह प्रभावित है. नूंह के बाहर कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. इसको लेकर जांच जारी है. हमने बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार भी किया. 

गुरुग्राम में भी फैली हिंसा
पुलिस ने बताया कि नूंह से भड़की हिंसा गुरुग्राम में भी फैल गई. शहर के सेक्टर-57 में भीड़ के हमले में 26 वर्षीय इमाम की मौत हो गई और एक मस्जिद में आग लगा दी गई. 

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि भीड़ ने गोलियां चलाईं, जिसके कारण दो लोग घायल हो गए और इनमें से एक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.  अधिकारी ने बताया कि मृतक इमाम की पहचान बिहार निवासी साद के रूप में हुई है. 

नूंह में किसकी जान गई?
नूंह में हिंसा के दौरान सोमवार को घायल हुए दो और लोगों ने दम तोड़ दिया. मृतकों की पहचान होमगार्ड नीरज, गुरसेवक और भादस गांव निवासी शक्ति के रूप में हुई है. हिंसा में मारे गए चौथे व्यक्ति की अभी पहचान नहीं हो पाई है.  नूंह में हिंसा के दौरान घायल हुए 23 लोगों में 10 पुलिसकर्मी शामिल हैं. पुलिस ने दंगे के संबंध में जिले में 11 एफआईआर दर्ज की हैं और 27 लोगों को हिरासत में लिया है.