छत्तीसगढ़

मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब, माफी नहीं मांगने के चलते…

नईदिल्ली : मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में अपनी याचिका पर शुक्रवार (4 अगस्त) को होने वाली सुनवाई से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. उन्होंने बुधवार (2 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अपील सेशंस कोर्ट में लंबित है. उसमें सफलता की संभावना है. इसलिए दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट रोक लगा दे. पूर्णेश मोदी ने सीधे उनका बयान नहीं सुना था. मेरे मामले को अपवाद की तरह देख राहत दी जाए.

उन्होंने कहा कि मानहानि केस में अधिकतम सज़ा के चलते संसद सदस्यता गई है. पूर्णेश मोदी खुद मूल रूप से मोदी समाज के नहीं हैं. उन्हें इससे पहले किसी केस में सज़ा नहीं मिली है. माफी नहीं मांगने के चलते घमंडी कहना गलत है.

पूर्णेश मोदी ने क्या दावा किया?
मोदी उपनाम मानहानि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया था. इसमें उन्होंने राहुल गांधी की याचिका खारिज करने की मांग की थी. बता दें कि राहुल गांधी ने अपनी दोषसिद्धि पर रोक की मांग की है और इसपर 4 अगस्त को सुनवाई होनी है.

पूर्णेश मोदी ने कहा है कि राहुल गांधी को राहत देने का कोई आधार नहीं है. उनका आचरण घमंड भरा है. बिना वजह एक पूरे वर्ग को अपमानित करने के बाद उन्होंने माफी मांगने से मना किया.

राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट क्यों गए?
मानहानि मामले में राहुल गांधी को इस साल मार्च में सूरत की एक कोर्ट ने दो साल कैद की सजा सुनाई थी और गुजरात हाई कोर्ट ने सात जुलाई को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने 21 जुलाई को गुजरात सरकार समेत संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था. 

राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था, “सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है?” इसे लेकर पूर्णेश मोदी ने 2019 में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था.