छत्तीसगढ़

तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी को लेकर कांग्रेस-BJP में घमासान, जानें किसने क्या कहा?

बेंगलुरु : कर्नाटक में कांग्रेस और बीजेपी फिर आमने-सामने हैं. इस बार तिरुपति तिरुमला मंदिर के प्रसाद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. तिरुमाला मंदिर देवस्थानम (टीटीडी) के अधिकारियों ने कहा है कि पिछले दो दशकों में तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के रूप में बंटने वाले लड्डुओं में केवल एक साल के लिए नंदिनी ब्रांड के घी का इस्तेमाल किया गया था.

इसपर कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) ने बुधवार (2 अगस्त) को कहा कि उसने कभी भी इस बारे में कोई दावा नहीं किया है कि वह मंदिर को कितने समय से घी की आपूर्ति कर रहा है. दरअसल, इस विवाद की शुरूआत रविवार को हुई थी. कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के अध्यक्ष भीमा नाइक ने कहा था कि अब आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले प्रसिद्ध लड्डू बनाने के लिए नंदिनी ब्रांड घी की आपूर्ति नहीं कर रहा है. 

तिरुपति के लड्डू और नंदिनी घी को लेकर विवाद

नाइक ने कहा था कि नंदिनी ब्रांड नाम के तहत अपने उत्पाद बेचने वाले केएमएफ को उसकी गुणवत्ता के लिए जाना जाता है. उन्होंने कहा कि ये कीमत पर समझौता नहीं कर सकता और इसलिए उन्होंने मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की आवश्यकतानुसार निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं लिया.

पूर्व कांग्रेस विधायक नाइक ने ये भी स्पष्ट किया कि टीटीडी को घी की आपूर्ति एक साल से कहीं पहले ही रोक दी गई थी और यह कोई हाल-फिलहाल की घटना नहीं है. नाइक ने कहा था कि तिरुपति लड्डू के लिए केएमएफ घी का इस्तेमाल किया गया था. मेरा मानना है कि कोई भी अन्य घी नंदिनी घी की गुणवत्ता के सामने नहीं टिक सकता है. हमारे ग्राहकों ने हमें यह 100 प्रतिशत प्रमाणन दिया है.

टीटीडी के अधिकारियों ने क्या कहा?

इस मामले पर तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर के आधिकारिक संरक्षक, टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी एवी धर्म रेड्डी ने बताया कि केएमएफ ने पिछले 20 वर्षों में केवल एक बार घी की आपूर्ति की है. रेड्डी ने पूछा कि पिछले 20 वर्षों में उन्होंने केवल एक बार आपूर्ति की. क्या आपको लगता है कि पिछले 19 वर्षों से हमारे लड्डू खराब थे और केवल एक वर्ष यह अच्छे थे, वह भी उनके (नंदिनी के) 20 प्रतिशत घी के साथ. 

रेड्डी ने कहा कि टीटीडी को प्रतिदिन 15,000 किलोग्राम या 15 टन घी, महीने में 450 टन और साल में 5,400 टन घी की आवश्यकता होती है. जब केएमएफ समय पर केवल 20 प्रतिशत आवश्यकता को पूरा नहीं कर सका, तो नाइक हमारी पूरी आवश्यकता को पूरा करने के बारे में कैसे सोच सकते हैं. 

बीजेपी का कांग्रेस सरकार पर निशाना

इस मामले को लेकर बीजेपी ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने ये आपूर्ति रोकी है. बीजेपी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष नलिन कुमार कटील ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर मंदिरों, हिंदू मान्यताओं एवं भक्ति के प्रति उदासीनता की नीति के चलते घी की आपूर्ति रोक देने का आरोप लगाया. जबकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीटी रवि ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के दौरान नंदिनी मुद्दे का राजनीतिकरण किया और अमूल को बदनाम करने के लिए इसका इस्तेमाल किया.

बीजेपी नेता ने कहा कि सत्ता में आने के बाद, कांग्रेस सरकार ने दूध की कीमत बढ़ा दी, जिससे नंदिनी के लिए टीटीडी बोर्ड को पहले की कीमत पर घी की आपूर्ति करना असंभव हो गया. कांग्रेस सरकार की वजह से नंदिनी अब प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू तैयार करने के लिए घी की आपूर्ति नहीं करेगी. 

सीएम सिद्धारमैया ने किया पलटवार

बीजेपी पर पलटवार करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा था कि आंध प्रदेश में प्रसिद्ध तिरुपति वेंकेटेश्वर मंदिर में प्रसाद के रूप में बंटने वाले लड्डू को बनाने में उपयोग होने वाले कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के नंदिनी ब्रांड घी की आपूर्ति डेढ़ साल पहले बीजेपी सरकार के कार्यकाल में रोक दी गई थी.

उन्होंने कहा कि तिरुपति में घी की आपूर्ति कर्नाटक में बीजेपी के शासनकाल के दौरान करीब डेढ़ साल पहले निलंबित कर दी गई थी. सांसद नलिन कटील, मुझे अब बताइए कि क्या पिछली बीजेपी सरकार हिंदू धार्मिक मान्यताओं और भक्ति के विरूद्ध थी? या केवल तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस बोम्मई हिंदू विरोधी थे.

नंदिनी दूध की कीमतों में की थी बढ़ोतरी

सीएम ने कहा कि हमारे लिए लोगों की धार्मिक विश्वास के साथ ही डेयरी किसानों की जिंदगी भी महत्वपूर्ण है. इसलिए राज्य के किसानों के हित में हम जो दाम मांगते हैं, यदि तिरुपति वह दाम देने को राजी है तो हमें घी की आपूर्ति करने में कोई समस्या नहीं है. दरअसल, कर्नाटक मंत्रिमंडल ने 27 जुलाई को केएमएफ द्वारा उसके नंदिनी दूध की बिक्री कीमतों में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी.