छत्तीसगढ़

देश के 35 शहरों में टमाटर के दाम 200 के पार, दोबारा क्यों बढ़ रहीं कीमतें; जानें कब मिलेगी राहत

नईदिल्ली : देशभर में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं। जुलाई में सरकार द्वारा रियायती दरों पर टमाटर बेचना शुरू करने के बाद देश के कई हिस्सों में टमाटर की कीमतें कुछ समय के लिए कम हो गईं। हालांकि, बीते कुछ दिनों से टमाटर की कीमतें एक बार फिर से बढ़ने लगी हैं। जहां एक हफ्ते पहले एक किलो टमाटर की औसत कीमत 121.72 रूपये थी वो अब बढ़कर 140.1 रूपये हो गई है।

टमाटर के दाम बढ़ने से लोग परेशान हैं। कई लोग सब्जियों में टमाटर का इस्तेमाल करना भी बंद कर चुके हैं। इस बीच हमें जानना जरूरी है कि टमाटर के दाम देश के अलग-अलग हिस्सों में क्या हैं? अभी कीमतें क्यों बढ़ रही हैं? क्या आगे राहत मिलेगी और स्थिति से निपटने के लिए सरकार क्या कर रही है?

टमाटर के दाम देश के अलग-अलग हिस्सों में क्या हैं?
देशभर में टमाटर के खुदरा दाम बढ़ गए हैं। जून में कीमतें 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर जुलाई के पहले सप्ताह में औसतन 100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। उपभोक्ता मामले विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, तीन अगस्त को टमाटर की औसत कीमत 140.1 रुपये/किलो, अधिकतम कीमत 257 रुपये/किलो, न्यूनतम कीमत 40 रुपये/किलो और मॉडल कीमत 120 रुपये/किलो रही।

इसी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 27 जुलाई को टमाटर की औसत कीमत 121.72 रुपये/किलो, अधिकतम कीमत 193 रुपये/किलो, न्यूनतम कीमत 42 रुपये/किलो और मॉडल कीमत 120 रुपये/किलो थी।

इन जगहों में सबसे ज्यादा दाम  
उपभोक्ता मामले विभाग के मुताबिक, देश में कम से कम 35 शहरों में टमाटर की कीमत 200 रुपये/किलो या इससे ज्यादा है। सबसे ज्यादा टमाटर के दाम 257 रुपये/किलो बुलन्दशहर में है। इसके बाद गौतमबुद्ध नगर में कीमत 248, बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) में 247, भरतपुर में 240 और धर्मशाला में 237 रुपये/किलो है। 

इन शहरों में कीमत 100 से नीचे 
आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में कम से कम 59 शहर ऐसे हैं जहां टमाटर के दाम 100 रुपये प्रति किलो से कम हैं। सबसे कम कीमत धर्मनगर में है। यहां एक किलो टमाटर 40 रुपये में मिल रहा है। इसके बाद अशोकनगर में दाम 50, लॉन्गत्लाई में 52, गोलाघाट में 55 और करीमगंज में 57 रुपये/किलो है।

टमाटर की कीमतें फिर क्यों बढ़ रही हैं?
हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर की आपूर्ति में काफी गिरावट आई है क्योंकि उनका अपना स्टॉक खत्म हो रहा है। सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में टमाटर की खरीद शुरू करने और उन्हें उत्तर भारत के शहरों में भेजने के बाद, खरीद में तेजी आई है। दिल्ली में लोगों के लिए सरकार द्वारा उन्हें ₹90 प्रति किलोग्राम और फिर ₹70 प्रति किलोग्राम पर बेचने के बाद उन्होंने उन्हें फिर से खरीदना शुरू कर दिया। हालांकि, आपूर्ति मांग के अनुरूप नहीं हो सकी। 

उधर, हिमाचल प्रदेश में टमाटर की लगभग 80 फीसदी फसल बाढ़ से नष्ट हो गई। बेंगलूरु में खराब मौसम के कारण 40-50 फीसदी टमाटर खराब हो गए। वर्तमान में, आजादपुर मंडी में टमाटर की रोजाना आपूर्ति सामान्य 18-22 टन के मुकाबले लगभग 10-12 टन है। महाराष्ट्र से टमाटर की आवक शुरू होने से पहले, जून-अगस्त के दौरान बेंगलुरु और हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत की मांग को पूरा करते हैं।

मदर डेयरी के प्रवक्ता के अनुसार, ‘बेमौसम बारिश के कारण पिछले दो महीनों से देशभर में टमाटर की आपूर्ति प्रभावित हुई है। पिछले दिनों दिल्ली की मुख्य मंडी आजादपुर में भी टमाटर की आवक में भारी गिरावट आई है। कम आपूर्ति के कारण थोक में कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, जिसके चलते खुदरा कीमतों पर भी असर पड़ा है।

लोगों को कब मिलेगी राहत?
अगस्त के अंत में महाराष्ट्र से ताजा टमाटरों की आवक के साथ कीमतें कम होने की उम्मीद है। आजादपुर टमाटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कौशिक के अनुसार, ‘पिछले दिनों में टमाटर की आवक कम हो गई है क्योंकि भारी बारिश के कारण उत्पादक क्षेत्रों में फसल को नुकसान पहुंचा है।’ उन्होंने कहा कि आजादपुर मंडी में बुधवार को केवल 15 प्रतिशत टमाटर की आवक देखी गई क्योंकि केवल छह छोटे ट्रक जो कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से यहां पहुंचे। कौशिक ने कहा कि अगले 10 दिनों में आपूर्ति की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।

स्थिति से निपटने के लिए सरकार क्या कर रही है?
टमाटर की ऊंची कीमतों से उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए  राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) केंद्र सरकार की ओर से टमाटर बेच रहा है। इसके अलावा NAFED बिहार और अन्य राज्यों में रसोई के प्रमुख खाद्य पदार्थों को रियायती दामों पर लोगों तक पहुंचा रहा है। 

एनसीसीएफ ने 14 जुलाई को 90 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर टमाटर की बिक्री शुरू की थी। इसके बाद टमाटर की कीमत घटाकर 70 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी गई थी। एनसीसीएफ के प्रबंध निदेशक एनीस जोसेफ चंद्रा ने बताया कि हमने 28 जुलाई तक दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लगभग 560 टन टमाटर बेचे हैं। एनसीसीएफ दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में मोबाइल वैन, केंद्रीय भंडार के चुनिंदा खुदरा दुकानों और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के जरिए लोगों तक टमाटर पहुंचा रहा है। अन्य दो राज्यों में इसे मोबाइल वैन के जरिए बेचा जा रहा है।