चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब पुलिस में नौकरी दिलवाने के नाम पर 4 पूर्व फौजियों समेत 6 लोगों से 45 लाख रुपये ठगे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के साथ ठगी की गई है वह सभी दलित समुदाय से हैं।
इतना ही नहीं, मजीठिया ने यह भी आरोप लगाया कि चन्नी की मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ 100 करोड़ रुपये में सेटिंग हो गई है। इसी वजह से सरकार ने अभी तक चन्नी के खिलाफ तमाम भ्रष्टाचार के आरोप होने के बावजूद उन पर कार्रवाई नहीं की।
मजीठिया ने लगाए गंभीर आरोप
पीड़ित व पूर्व फौजियों के साथ पत्रकारों से बातचीत करते हुए मजीठिया ने पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा गुरदयाल सिंह को दिए गए पत्र को भी सार्वजनिक किया। इस पत्र में चन्नी ने मुख्यमंत्री होते हुए डीजीपी इकबालप्रीत सिंह सहोता को निर्देश दिए हैं कि गुरदयाल सिंह को सब-इंस्पेक्टर भर्ती किया जाएगा। 10 नवंबर 2021 को लिखे इस पत्र वाले दिन ही गुरदयाल ने पुलिस हेडक्वार्टर में डीजीपी से भी मुलाकात की थी।
मजीठिया के मुताबिक, दुरदयाल सिंह ने कहा कि इसके लिए उन्होंने चन्नी को 17 लाख रुपये दिए। जबकि स्काच की एक पेटी डीजीपी के रीडर को दी और एक पेटी चन्नी के घर पर भी पहुंचाई। इसका बिल भी उन्होंने मीडिया को दिखाया।
पंजाब पुलिस में नौकरी दिलवाने का वादा
शिअद नेता मजीठिया ने कहा कि चन्नी के एक विश्वासपात्र दलजीत सिंह ने चार पूर्व सैनिकों से संपर्क किया था और वादा किया था कि उन्हें पंजाब पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो अन्य, जिन्होंने दलजीत को अलग-अलग रकम दी थी, को पंजाब पुलिस में नौकरी देने का वादा किया गया था।
पूर्व सैनिक गुरदयाल सिंह ने बताया कि वे पंजाब पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के रूप में भर्ती होने के अनुरोध के साथ दलजीत के साथ चन्नी से मिले थे। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री से इसे पूरा करने के लिए आवश्यक “सेवा पानी” के बारे में पूछा था तो चन्नी ने उन्हें बताया था कि दलजीत उन्हें उनकी ओर से आवश्यक हर चीज बताएंगे।
वहीं, गुरमेल ने कहा कि इसके बाद उन्होंने 17 लाख रुपये का भुगतान किया, जबकि पूर्व सैनिक जगदीश सिंह ने 6 लाख रुपये और पूर्व सैनिक दर्शन सिंह और धरमिंदर सिंह ने 5-5 लाख रुपये का भुगतान किया था। उन्होंने कहा कि दो अन्य व्यक्तियों – नवदीप सिंह और बचित्तर सिंह ने क्रमशः 5 लाख रुपये और 3.70 लाख रुपये का भुगतान किया था।
पुलिस ने मामला दर्ज करने से किया इनकार
उन्होंने वीडियोग्राफिक सबूत के साथ यह भी खुलासा किया कि कैसे चन्नी के एक विश्वासपात्र – रॉबिन ने उनसे व्यक्तिगत रूप से पैसे वसूले थे। गुरदियाल सिंह ने कहा कि जब उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है तो उन्होंने अमृतसर ग्रामीण पुलिस से संपर्क किया लेकिन उसने मामले में मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया।
गुरदयाल ने कहा, “आखिरकार दलजीत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया जब बीकेयू उगराहां समूह ने हमारे समर्थन में धरना दिया, लेकिन तब भी पूर्व मुख्यमंत्री का नाम एफआईआर में शामिल नहीं किया गया है।”
राज्यपाल से मिलेंगे बिक्रम मजीठिया
मजीठिया ने कहा कि चन्नी की मुख्यमंत्री के साथ सैटिंग हो गई है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने चन्नी के खिलाफ लगाए गए 2 करोड़ रुपये की रिश्वत के आरोप को भी भूल गए हैं, जिसमें अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को लेकर राज्यपाल से मिलेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दे दिए कि चन्नी के खिलाफ आगे वह और भी खुलासा करेंगे।