छत्तीसगढ़

धोनी को कैसे भारतीय टीम में मिली थी जगह? बीसीसीआई के पूर्व सिलेक्टर ने किया बड़ा खुलासा

नईदिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी न सिर्फ भारत बल्कि क्रिकेट जगत में बड़े नाम रहे हैं. धोनी भारत के लिए सबसे ज़्यादा आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाले कप्तान हैं. 2020 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले धोनी का करियर करीब 15 साल लंबा रहा. वहीं अब पूर्व भारतीय सिलेक्टर सैयद सबा करीम ने खुलासा करते हुए बताया कि कैसे धोनी को टीम इंडिया में जगह मिली थी. 

पूर्व सिलेक्टर ने बताया कि क्या धोनी के करियर में टर्निंग प्वाइंट रहा. सबा करीम ने कॉमेंट्री बॉक्स में ‘जियो सिनेमा’ पर इस बात का खुलासा किया. सबा करीम बिहार में रणजी के सिलेक्टर बनने के बाद धोनी से मिले थे, तब धोनी बिहार से रणजी खेला करते थे. 

पूर्व सिलेक्टर ने बताया, “मेरी कहानी बहुत दिलचस्प है. जब मैं धोनी से मिला था, वो उसका रणजी में दूसरी साल था. वह बिहार के लिए खेला करे थे. मैंने उसे बैटिंग करते देखा, और मुझे अभी भी याद है कि जब वह बल्लेबाजी कर रहा था, तो उसके पास वह शानदार प्रतिभा थी जो हमने बाद में भी देखी, एक स्पिनर या तेज गेंदबाज को बड़े लॉफ्टेड शॉट्स खेलते हुए. यहां तक कि विकेटकीपिंग के लिए भी जो फुटवर्क होना चाहिए था, उसमें थोड़ी कमी थी.”

उन्होंने आगे कहा, “हमने उस समय इस पर उनके साथ काम किया था और उन्हें अभी भी याद है कि उन्हें तब क्या सिखाया गया था. जब हम बात किया करते थे, तो वह इसके बारे में बात करते थे. यह एमएस के करियर में एक अहम मोड़ था जहां वह वाकई में आगे बढ़ रहे थे. वनडे में हमने उन्हें पारी की शुरूआत करने दी क्योंकि उसकी बल्लेबाजी काफी मजबूत थी और वे तेजी से रन बनाते थे.”

सबा करीम ने आगे बताया कि कैसे इंडिया-ए टूर के बाद नेशनल टीम के सिलेक्टर्स ने धोनी का चयन किया. उन्होंने कहा. “दूसरा टर्निंग प्वाइंट भारत ‘ए’, पाकिस्तान ‘ए’ और केन्या के बीच केन्या में ट्राई सीरीज़ थी. धोनी को इसलिए खेलने को मिला क्योंकि दिनेश कार्तिक नेशनल टीम के साथ जुड़ रहे थे. जहां धोनी ने अच्छी विकेटकीपिंग की और बल्लेबाज़ी के लिए मत पूछो! हमने पाकिस्तान ए के खिलाफ दो बार खेला और उन्होंने सीरीज़ में अच्छी बल्लेबाज़ी की.”

पूर्व भारतीय सिलेक्टर ने बताया, “वहां से यह उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट था और इसके बाद उनका नाम चर्चा में रहा. मुझे यह भी याद है कि मैं उस वक़्त कोलकाता में था और सौरव गांगुली कप्तान थे. मैं उनसे मिलना चहाता था और बताना चहाता था कि एक कीपर है जिसे इंडियन टीम में आना चाहिए क्योंकि वह शानदार बैटिंग कर रहा था और सेफ कीपर था. दुर्भाग्य से, सौरव ने पाकिस्तान दौरे से ठीक पहले एमएस को खेलते हुए नहीं देखा था और उन्हें उस दौरे के लिए नहीं चुना गया था.”