रायपुर : शराब घोटाले से जुड़े आरोपियों को अब नोएडा की पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। दरअसल प्रदेश में चल रहे शराब घोटाला मामले में नकली होलोग्राम का इस्तेमाल करने की शिकायत प्रवर्तन निदेशालय ने नोएडा के कासना थाना में दर्ज करवाई थी।
इस मामले में नोएडा पुलिस प्रदेश के आरोपियों को गिरफ्तार करने की तैयारी में थी। लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।एक सप्ताह पहले ED की शिकायत पर नोएडा के कासना थाना पुलिस ने आबकारी विभाग के अधिकारी रह चुके अरुण पति त्रिपाठी, आईएएस निरंजन दास, होलोग्राम कारोबारी विधु गुप्ता, अनवर ढेबर और एक वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर के खिलाफ धारा 420, 468 ,471 ,473 ,484, 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया था।
ED के अधिवक्ता सौरभ पांडे के मुताबिक, नोएडा में दर्ज हुए FIR मामले में सुप्रीम कोर्ट से नो कर्सिव स्टेप के निर्देश दिए गए हैं। आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा। लेकिन जांच जारी रहेगी। आरोपियों को जांच में पूरा सहयोग करना होगा। पूछताछ में शामिल होना होगा। नो कर्सिव स्टेप का निर्देश 21 अगस्त तक लागू रहेगा।
अब तक 180 करोड़ की संपत्ति अटैच
22 मई 2023 को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जारी की गई आधिकारिक जानकारी में कहा गया कि, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अफसर अनिल टुटेजा से 121.87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच की गई है। शराब घोटाला मामले में अब तक प्रदेश में कुल 180 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। इसमें कैश, एफडी भी होल्ड किए गए हैं। 15 मई को ईडी ने कहा था, शराब घोटाले में जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर से जुड़ी जांच रायपुर, भिलाई और मुंबई में की गई।
जिसमें नवा रायपुर में 53 एकड़ भूमि मिली। इसकी कीमत करीब 21.60 करोड़ रुपए बताई गई। ये अनवर ढेबर द्वारा जॉइंट वेंचर के रूप में इस्तेमाल की गई थी। 20 लाख रुपए की नकदी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मुंबई में मिले थे। 1 करोड़ की बेहिसाब निवेश की जानकारी भी मिली। ये निवेश अरविंद सिंह और उनकी पत्नी पिंकी सिंह के साथ किए गए थे। ईडी ने त्रिलोक सिंह ढिल्लो की 27.5 करोड़ रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट फ्रीज कर दी थी। 28 करोड़ रुपए के आभूषण भी जब्त किए थे।
क्या है पूरा मामला
ED ने सबसे पहले मई के शुरुआती सप्ताह में अनवर ढेबर को अरेस्ट किया और कहा- साल 2019 से 2022 तक 2000 करोड़ का अवैध धन शराब के काम से पैदा किया। इसे दुबई में अपने साथी विकास अग्रवाल के जरिए खपाया। ED की ओर से ऑन रिकॉर्ड बड़ी बात कही गई वो ये कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को परसेंटेज के मुताबिक पैसे बांटे और बाकी की बड़ी रकम अपने पॉलिटिकल मास्टर्स (राजनीतिक संरक्षकों) को दी है। इसके बाद इस केस में आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी, कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन, नितेश पुरोहित, अरविंद सिंह को भी पकड़ गया था। इस केस में फिलहाल अनवर ढेबर को मेडिकल ग्राउंड्स पर जमानत पर छोड़ा गया है।