वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर रही एएसआई टीम के तहखाने में पहुंचने का सभी को इंतजार है। मंदिर पक्ष को उम्मीद है कि यहां कई साक्ष्य मिलेंगे। एडवोकेट कमिश्नर की काार्रवाई में तहखाने की कुछ हिस्सों की ही जांच हो पाई थी। तहखाने का आधे से अधिक हिस्सा दीवारों व मलबे से बंद है। इसमें मंदिर के निशान होने का दावा मंदिर पक्ष करता है। उसने अदालत के सामने उम्मीद जताई थी कि एएसआई के विशेषज्ञ मशीनों के जरिए दीवारों के पीछे झांकेंगे तो कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलेंगे, जो मुकदमे को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
तहखाने की जांच को लेकर था सबसे अधिक विवाद
बीते वर्ष मई में एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई के दौरान मंदिर व मस्जिद पक्ष में सबसे अधिक विवाद तहखाने की जांच को लेकर था। मस्जिद पक्ष ने तहखाने में जाने के रास्ते पर ताला बंद कर दिया था। एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई का आदेश देने वाले सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने ताला खोलने को लेकर सख्ती दिखाई तो ताले को कटर से काटा गया। इसके बाद टीम चार तहखानों तक पहुंची थी। चर्चा थी कि वहां उसे मंदिरों के शिखर जैसे नजर आने वाले पत्थरों के टुकड़े, मगरमच्छ की मूर्ति व अन्य मूर्तियां मिली थीं।
मंदिर पक्ष का दावा है कि तहखाने के कई हिस्सों को दीवारों व मलबों से बंद किया गया है। एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट में यह उल्लेख भी है। मंदिर पक्ष के अनुसार, जो हिस्सा बंद है वह दक्षिणी से लेकर उत्तरी दीवार तक लंबा और पश्चिमी दीवार से परिसर के आधे हिस्से तक है। दक्षिण व उत्तर दिशा की ओर से उसमें सुरंग जैसी संचरना भी नजर आती है। पश्चिमी दीवार पर प्रवेश द्वार को पत्थरों से बंद किया गया है।
मंदिर पक्ष के वकील ने किया था ये दावा
मंदिर पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने अदालत में दावा किया था कि प्राचीन अष्टकोणीय आदि विश्वेश्वर के मंदिर का यह मुख्य प्रवेश द्वार था। इससे शृंगार मंडप से होते मंदिर के गृभगृह तक जाया जाता था। गर्भगृह के साथ गणेश मंडप, शृंगार मंडप, भैरव मंडप के हिस्से तहखाने में बंद हैं। गर्भगृह के ऊपर ही इमारत के शिखर के नीचे नमाज पढ़ने का कमरा है। एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट में इसका उल्लेख है कि कमरे के नीचे जमीन खोखली होने का एहसास होता है।
बंद हिस्से की जांच को बनाया था आधार
मंदिर पक्ष ने एएसआई जांच की मांग का प्रमुख आधार ही इस बंद हिस्से की जांच को बनाया था। उनका कहना कि मशीनें जब तहखानों को पार जांच करेंगी तो निश्चित ही मंदिर का हिस्सा मिलेगा। एएसआई टीम व्यास जी के कमरे में पड़े मलबे को हटाकर भी बंद पड़े तहखाने के हिस्से तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इमारत के उत्तर में मौजूद रास्ते से तहखाने में दाखिल होने पर भी टीम बंद हिस्से तक पहुंच सकती है।