छत्तीसगढ़

पीएम मोदी बोले- 2024 में हम सभी रिकॉर्ड तोड़ेंगे, भव्य विजय के साथ होगी सरकार की वापसी

नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी जवाब दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि आज मैं देख रहा हूं कि आपने तय कर लिया है कि एनडीए और भाजपा 2024 के चुनाव में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर भव्य विजय के साथ जनता के आशीर्वाद से वापस आएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की जनता ने हमारी सरकार के प्रति बार-बार जो विश्वास जताया है, वे आज देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं। कहते हैं कि भगवान बहुत दयालु है और भगवान की मर्जी होती है कि वो किसी न किसी माध्यम से अपनी इच्छा की पूर्ति करता है। मैं इसे भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि विपक्ष प्रस्ताव लेकर आया। 2018 में भी यह ईश्वर का ही आदेश था, जब विपक्ष के मेरे साथी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। उस समय भी मैंने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव हमारी सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं है, बल्कि ये उन्हीं (विपक्ष) का फ्लोर टेस्ट है। हुआ भी यही। 

उन्होंने आगे कहा कि जब मतदान हुआ, तो विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने वोट भी वो जमा नहीं कर पाए थे। इतना ही नहीं, जब हम सब जनता के पास गए तो जनता ने भी पूरी ताकत के साथ इनके लिए नो-कॉन्फिडेंस घोषित कर दिया और चुनाव में एनडीए को भी ज्यादा सीटें मिलीं और भाजपा को भी ज्यादा सीटें मिलीं। यानी एक तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है। 

पीएम बोले- राजनीति आपके लिए प्राथमिकता थी 
उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि सत्र की शुरुआत के बाद से ही विपक्ष ने गंभीरता के साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया होता। बीते दिनों दोनों सदनों ने जनविश्वास बिल, डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल जैसे कई महत्वपूर्ण बिल यहां पारित किए और। ऐसे बिल भी थे कि जो हमारे मछुआरों के हक में थे, जिसका फायदा केरल के मछुआरों को होना था। केरल के सांसद तो इस पर अच्छे से हिस्सा लेते थे, राजनीति ऐसी हावी है कि उन्हें इसी बिल की चिंता नहीं है। हिंदुस्तान साइंस पावर के रूप में कैसे उभरे, उससे जुड़े बिल पर भी आपका ऐतराज? डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल भी देश के युवाओं के जज्बे से जुड़ा हुआ था। आने वाला समय तकनीक से चलेगा, आज डेटा को एक प्रकार से सेकेंड ऑयल, सेकेंड गोल्ड के रूप में माना जाता है। उस पर गंभीर चर्चा की जरूरत थी, लेकिन राजनीति आपके लिए प्राथमिकता थी।  

प्रधानमंत्री ने कहा- आप कट्टर भ्रष्ट साथियों की शर्त पर मजबूर होकर जुटे 
पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ने उन्हें जिस काम के लिए यहां भेजा है, उस जनता का भी विश्वासघात किया गया है। विपक्ष के कुछ दलों ने उनके आचरण और उनके व्यवहार से सिद्ध कर दिया है कि उनके लिए देश से बड़ा दल है। देश से पहले प्राथमिकता दल है। मैं समझता हूं कि आपको गरीब की भूख की चिंता नहीं है, सत्ता की भूख ही आपके दिमाग में सवार है। आपको देश के युवाओं के भविष्य की परवाह नहीं, अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है। इन्होंने एक दिन सदन चलने भी दिया, लेकिन किस काम के लिए? अविश्वास प्रस्ताव के लिए और अपने कट्टर भ्रष्ट साथियों की शर्त पर मजबूर होकर जुटे।  

पीएम ने कहा- आपके दरबारी भी सोशल मीडिया पर बहुत दुखी  
प्रधानमंत्री ने कहा- अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसे चर्चा की? आपके दरबारी भी सोशल मीडिया पर बहुत दुखी हैं। मजा देखिए। फील्डिंग विपक्ष ने लगाई, लेकिन चौके-छक्के यहीं (सत्तापक्ष) से लगे। इधर तो सेंचुरी हो रही है, लेकिन विपक्ष नो बॉल पर ही चर्चा करता जा रहा है। मैं विपक्ष के साथियों से यही कहूंगा कि तैयारी करके क्यों नहीं आते जी? थोड़ी मेहनत कीजिए। मैंने पांच साल दिए थे आपको तैयारी के लिए। 2018 में मैंने कहा था कि तैयारी करके आना। क्या हाल है आपका? क्या दारिद्र है? विपक्ष के हमारे साथियों को दिखास की, छपास की इच्छा रहती है, स्वाभाविक है। आप ये मत भूलिए कि देश भी आपको देख रहा है। आपके एक-एक शब्द को देश गौर से सुन रहा है, लेकिन हर बार देश को आपने निराशा के सिवा कुछ नहीं दिया। विपक्ष के रवैये पर कहूंगा कि जिनके खुद के बही-खाते बिगड़े हुए हैं, वो भी हमसे हमारा हिसाब पूछते हैं।  

अधीर रंजन पर तंज- गुड़ का गोबर कैसे करना, इसमें ये माहिर हैं 
सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का बोलने की सूची में नाम ही नहीं था। 1999 में वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया। तब शरद पवार साहब ने नेतृत्व किया। 2003 में अटलजी की सरकार थी। सोनिया जी ने लीड ली, प्रस्ताव रखा। 2018 में खडगे जी थे, उन्होंने इसे आगे बढ़ाया, लेकिन इस बार अधीर बाबू का क्या हाल हो गया? उनकी पार्टी ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया, ये तो कल अमित भाई ने बहुत जिम्मेदारी के साथ कहा कि अच्छा नहीं लग रहा है। आपकी उदारता थी कि समय समाप्त हो गया था, तब भी आपने उन्हें मौका दिया। लेकिन गुड़ का गोबर कैसे करना, इसमें ये माहिर हैं। 

पीएम ने कहा- हम अधीर बाबू के प्रति अपनी पूरी संवेदना व्यक्त करते हैं 
प्रधानमंत्री ने कहा कि पता नहीं हो सकता है इंडिया से कोई फोन आया हो। कांग्रेस बार-बार उनका अपमान करती है। कभी चुनावों के नाम उन्हें अस्थाई रूप से उन्हें हटा देते हैं। हम अधीर बाबू के प्रति अपनी पूरी संवेदना व्यक्त करते हैं। …जरा जोर से हंस लीजिए। 

प्रधानमंत्री ने कहा- इस कालखंड का प्रभाव हजार साल तक रहेगा
पीएम ने कहा कि देश के इतिहास में एक समय ऐसा होता है कि वह पुरानी बंदिशों को तोड़कर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने के लिए कदम उठाता है। इक्कीसवीं सदी के साथ यह कालखंड हमारे लिए अवसर लेकर आया है। हम ऐसे कालखंड में हैं, जो बहुत अहम है। मैं विश्वास से कहना चाहता हूं कि यह कालखंड जो करेगा, इसका प्रभाव इस देश में आने वाले हजार साल तक रहने वाला है। 140 करोड़ देशवासियों का पुरुषार्थ और सामर्थ्य आने वाले एक हजार साल की मजबूत नींव रखने वाला है। इसलिए इस कालखंड में हम सभी का बहुत बड़ा दायित्व और जिम्मेदारी है। ऐसे समय हम सभी का एक ही फोकस होना चाहिए, देश का विकास, सपनों को पूरा करने का संकल्प। यही समय की मांग है। 140 करोड़ देशवासियों की सामूहिक ताकत उस ऊंचाई पर पहुंचा सकती है। आज विश्व ने उनका लोहा माना हुआ है। हम उन पर भरोसा करें। हमारी युवा पीढ़ी भी संकल्प को सिद्धि तक ले जाने का सामर्थ्य रखती है।  

पीएम मोदी ने कहा- कुछ लोग साख पर दाग लगाने की कोशिश में हैं
पीएम ने कहा कि 2014 में तीस साल के बाद देश की जनता ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और 2019 में भी हुआ। उनके संकल्पों को साकार करने का सामर्थ्य कहां है, यह देश जान गया है। इसलिए 2019 में एक बार फिर देश की सेवा करने का मौका दिया। इस सदन में बैठे प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह भारत के युवाओं के सपनों को, महत्वाकांक्षाओं को अवसर दें। सरकार में रहते हुए हमने भी इस दायित्व को निभाने का भरपूर प्रयास किया। हमने भारत के युवाओं को घोटालों से रहित सरकार की। हमने दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को संभाला है और उसे एक बार फिर नई ऊंचाई पर ले गए हैं। अभी भी कुछ लोग साख पर दाग लगाने की कोशिश में हैं, लेकिन दुनिया जान चुकी है।  

मोदी ने कहा- जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की कोशिश हुई
उन्होंने कहा कि हमारे विपक्ष के साथियों ने क्या किया? जब चारों तरफ संभावनाएं ही संभावनाएं हैं, तब इन्होंने अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की कोशिश की है। आज भारत के युवा रिकॉर्ड संख्या में स्टार्टअप खोलकर चकित कर रहे हैं। रिकॉर्ड विदेशी निवेश आ रहा है। निर्यात नई बुलंदी को छू चुका है। आज ये भारत की कोई अच्छी बात सुन नहीं सकते हैं। आज गरीब के दिल में अपने सपने पूरा करने का भरोसा पैदा हुआ है। आज देश में गरीबी तेजी से घट रही है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच साल में साढ़े तेरह करोड़ गरीबी से बाहर आए हैं। 

यह होता है अविश्वास प्रस्ताव 
50 सांसदों के समर्थन के साथ कोई भी लोकसभा सांसद अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है। अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने के बाद सदन में चर्चा की जाती है। विपक्ष सदन में सरकार की कमियों को गिनाते हैं। सत्ता पक्ष के सांसद इसपर जवाब देते हैं। अंत में मतदान किया जाता है। यदि अविश्वास प्रस्ताव सफल हो जाता है तो सरकार गिर जाती है। 

भाजपा के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव पेश 
एनडीए के कुल 331 सांसद हैं। इनमें से 303 सांसद भाजपा के हैं। वहीं विपक्षी खेमें में सिर्फ 144 सांसद ही हैं। वहीं, अन्य 70 सांसद हैं। मोदी सरकार को दूसरी बार संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। सरकार के खिलाफ पहला प्रस्ताव आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर 2018 में पेश किया गया था।