छत्तीसगढ़

खराब तबीयत के बाद भी संसद आया, लेकिन निराश हूं कि…, पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा ने आखिर ऐसा क्यों कहा?

नईदिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्यूलर (JDS) के चीफ एचडी देवेगौड़ा ने संसद में हंगामे पर नाराजगी जताई है. उन्होंने गुरुवार (10 अगस्त) को कहा कि लोकतंत्र को तभी बचाया जा सकता है जब सभी लोग गरिमा और मर्यादा का पालन करें. 

कर्नाटक से राज्यसभा के सदस्य एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि जो भी संसद में हो रहा है उससे वो निराश हैं. जो भी आज संसद में वो रहा वो सबसे निचला स्तर है. 

एच. डी. देवेगौड़ा ने क्या कहा?
देवेगौड़ा (90) ने ट्विटर (एक्स) पर लिखा, ‘‘खराब स्वास्थ्य के बावजूद, मैं संसद की कार्यवाही में भाग लेने आया था, लेकिन जो हो रहा (व्यवधान) है, उससे मैं बहुत निराश हूं. अपने लंबे अनुभव से, मैं कह सकता हूं कि यह सबसे निचला स्तर है. लोकतंत्र को तभी बचाया जा सकता है जब हर कोई गरिमा और मर्यादा का पालन करे.’’

राज्यसभा में विपक्ष क्या मांग कर रहा है?

संसद के उच्च सदन (राज्यसभा) में विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में मौजूद होने की भी मांग कर रहा है. इस वजह से सदन में गतिरोध कायम है. संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से विपक्षी दल कह रहे हैं कि पीएम मोदी मणिपुर हिंसा पर सदन के भीतन बयान दें तो वहीं सरकार कह रही है कि विपक्ष चर्चा से भाग रहा है. इसको लेकर आए दिन में हंगामा हो रहा है.

अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष क्यों लाई
अविश्वास प्रस्ताव गिरना तय है क्योंकि सरकार के पास बहुमत है, लेकिन विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी के बयान देने के रणनीति के तहत लेकर आई है. चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी ये ही कहा था.