छत्तीसगढ़

बिलासपुर : बर्खास्त आरक्षक ने नौकरी लगाने के नाम पर 21 लोगों से की एक करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी

बिलासपुर। नौकरी लगाने के नाम पर बर्खास्त आरक्षक द्वारा अपने जीजा के साथ मिलकर 21 लोगों से 1 करोड़ 13 लाख की ठगी करने का मामला सामने आया है. पूर्व में आईजी कार्यालय में पदस्थ बर्खास्त आरक्षक पंकज शुक्ला पहले भी ठगी के मामले में जेल जा चुका है. आरोपी ने अब की बार मस्तूरी क्षेत्र के बेरोजगार युवकों से ठगी की है. मामले की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस बर्खास्त आरक्षक पंकज शुक्ला और उसके जीजा रमाशंकर पांडेय के खिलाफ धारा 420, 120 बी के तहत जुर्म दर्ज कर जांच कर रही है.

मस्तूरी खुड्डुभाठा निवासी महेश पाल ने रिपोर्ट सिविल लाइन थाने में लिखाई कि बर्खास्त आरक्षक पंकज शुक्ला ने पुलिस विभाग के अधिकारियों से अच्छी जान पहचान होने का हवाला देते हुए नौकरी लगाने का झांसा दिया था. उसकी बातों में आकर महेश सहित 21 लोग नौकरी लगाने के नाम पर 1 करोड़ 13 लाख रुपए दिए हैं. पीड़ितों को बाद में जानकारी मिली कि नौकरी लगाने के नाम वसूली की रिपोर्ट पर पंकज जेल चला गया है. उसके जमानत में छूटने पर जब पीड़ितों ने संपर्क किया तो उसने पैसा लौटाने का आश्वासन दिया था. लेकिन बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी पैसा वापस नहीं किए जाने के बाद पीड़ितों ने थाने में शिकायत की है.

पीड़ित महेश पाल ने बताया कि आरोपी पंकज शुक्ला ने उससे, किशन पाल से, टिकेश्वर पाल और सुरेश पाल से 8-8 लाख रुपए, इसी तरह अभिजीत सिंह से 5 लाख, भीमसेन राठौर, रोहित तिवारी, विपिन प्रकाश मिश्रा, विरेन्द्र त्रिपाठी, सुरेश कश्यप, रवि पाठक, विनोद मिश्रा, वेद प्रकाश मिश्रा से 3-3 लाख रुपए, गणेश पाल और दिनेश पाल से 4-4 लाख रुपए, हिंसाराम निर्मलकर से 16 लाख रुपए, नरेन्द्र कुमार साहू से 7 लाख रुपए, दिनेश कुमार पाण्डेय से 6 लाख 50 हजार रुपए, त्रिलोकी सिंह, मार्को से 2 लाख 50 हजार रुपए, मोतीलाल मिश्रा से 6 लाख रुपए और रामचंद्र उपाध्याय से 6 लाख रुपए लिया गया है.

सरकारी मकान पर किया कब्जा

पुलिस सेवा से बर्खास्त होने के बाद भी पंकज शुक्ला पुलिस लाइन के सामने सरकारी मकान में कब्जा कर निवास कर रहा है. बताया जा रहा है, कि पुलिस लाइन से उसे सरकारी मकान खाली करने के लिए कई बार नोटिस जारी भी किया गया है, लेकिन वह मकान खाली नहीं कर रहा है.