छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : 25 किलो विस्फोटक के साथ एक नाबालिग सहित चार माओवादी पकड़ाए, जानिए किस खतरनाक इरादे से ला रहे थे सामग्री

दन्तेवाड़ा। नक्सली संगठन से जुड़े एक नाबालिग सहित चार लोगों से पुलिस ने 25 किलो विस्फोटक बरामद किया है. दंतेवाड़ा थाना में मामला दर्ज कर तीन माओवादियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेजा गया, वहीं विधि से संघर्षरत बालक को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया.

नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत् 15 अगस्त को थाना दन्तेवाड़ा क्षेत्र में अवैध विस्फोटक पदार्थ परिवहन की जानकारी मिलने पर पड़ताल में जुटी पुलिस पार्टी को बस स्टैण्ड के अंदर चार संदिग्ध व्यक्ति दिखे. एक व्यक्ति के हाथ में ट्राली बैग और उसके साथ खड़े तीन अन्य व्यक्तियों के पीठ में पीठ्ठू बैग लटका हुए थे. पुलिस बल के घेराबंदी करने पर चारों भागने की कोशिश करने लगे. चारों संदिग्धों को पुलिस पार्टी ने पकड़कर पूछताछ की.

पकड़े गए युवकों में बीजापुर जिला निवासी 21 वर्षीय सुभाष कुमार कड़ती के पास से कब्जे से तीन विस्फोटक स्ट्रीक, मनोज कुमार ओयाम (18 वर्ष) के कब्जे से नगद 21,350 रुपए और पिठ्ठू बैग से दो विस्फोटक स्ट्रीक, रमेश ओयाम (18 वर्ष) के कब्जे से नगद 35,650 रुपए और दो विस्फोटक स्ट्रीक और विधि से संघर्षरत बालक के कब्जे से नगद 27,000 रुपए और दो विस्फोटक स्ट्रीक बरामद किया.

संदेहियों से बारिकी से पूछताछ करने पर रमेश कुमार ओयाम ने बेचापाल पंचायत का मिलिशिया सदस्य, माओवादी मनोज ओयाम ने बेचापाल पंचायत सीएनएम सदस्य का एवं सुभाष कडती मिरतुर डेगमेटा डीकेएमएस सदस्य होना बताए. लगभग 2-3 वर्षों से नक्सल माओवादी संगठन में कार्य कर रहे युवकों ने पास में रखे 25 किलो विस्फोटक सामग्री को पुलिस बल को नुकसान पहुंचाने के नियत से हैदराबाद से लाना बताया.

थाना दन्तेवाड़ा में अपराध क्रमांक-77/2023 धारा- 04,05 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम एवं 13 (1), 38 (2), 39 (2) विधि विरूद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया. तीन माओवादियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेजा गया, वहीं विधि से संघर्षरत बालक को किषोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया.

कार्रवाई के दौरान थाना दन्तेवाड़ा से निरीक्षक विजय पटेल, उप निरीक्षक हेमशंकर गुनेन्द्र, सउनि सुनिता साहू, रणवीर सिंह, भूरेलाल शर्मा, प्रआर तेजलाल भोई, सोमन मरकाम, आरक्षक केशव पटेल, घनश्याम दुग्गा एवं सीआरपीएफ 231 बटालियन जावंगा का विशेष योगदान रहा है.