छत्तीसगढ़

OMG 2: पहली फिल्म नहीं देख पाने पर छलका पंकज त्रिपाठी के बेटे का दर्द, आरुष बोले- ओएमजी 2 में ऐसा कुछ…

नईदिल्ली : ओएमजी 2 को प्रशंसकों और समीक्षकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। अक्षय कुमार, पंकज त्रिपाठी और यामी गौतम अभिनीत यह फिल्म एक मध्यमवर्गीय पिता के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक बहुत ही संवेदनशील, लेकिन महत्वपूर्ण विषय के बारे में जागरूकता फैलाता है। यह यौन शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सक्रिय रूप से मौजूदा गलतफहमियों को दूर करता है। फिल्म को पर्दे तक आने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कुछ बदलावों के बाद सेंसर बोर्ड ने इसे “ए” प्रमाणपत्र दिया, जिस पर फिल्म के कलाकार और निर्देशक ने आपत्ति भी जताई थी।

अभिनेता को आया गुस्साहाल ही में फिल्म में ‘विवेक’ का किरदार निभाने वाले अभिनेता आरुष वर्मा ने बताया कि उनकी खुद की फिल्म देखने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने हाल ही में सेंसर बोर्ड के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। अब आरुष ने कहा, “मुझे इस बात का अफसोस रहेगा कि मैं अपनी पहली फिल्म थिएटर में नहीं देख पाया, मुझे थोड़ा गुस्सा और बुरा लग रहा है। मैं बस यही चाहता हूं कि अगर सेंसर बोर्ड कोई फैसला लेता है तो वो ऐसा फैसला हो, जिससे फायदा हो हमारे लिए, क्योंकि मैं चाहता हूं कि मेरे हमउम्र दोस्तों के साथ सभी लोग इस फिल्म का आनंद लें और इस फिल्म के लक्षित दर्शक, जिनके लिए यह बनाई गई है। वे भी इस फिल्म को समझ सकें और कुछ सीख सकें, क्योंकि इस फिल्म के पीछे का दृष्टिकोण यही था। इसका केवल एक ही उद्देश्य था और वह था भारत को यह सिखाना कि यौन शिक्षा कोई छुपकर सीखी जाने वाली चीज नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी चीज है, जिस पर खुलकर बात की जा सकती है।

फिल्म के विषय पर क्या बोले आरुष
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि यौन शिक्षा एक ऐसी चीज है, जो हर किसी को सीखनी चाहिए, क्योंकि हर चीज में सवाल होते हैं। यहां तक कि थोड़ी सी गलत जानकारी भी बहुत हानिकारक हो सकती है। मेरे किरदार की तरह, विवेक को भी थोड़ी गलत जानकारी मिली है, इसलिए मैं चाहता हूं कि यौन शिक्षा सिखाई जानी चाहिए। दुनिया भर में इस तरह से कि किसी और को कुछ ऐसा न झेलना पड़े, जिससे पूरा नुकसान हो। पीरियड क्या है, और प्रेगनेंसी क्या है, ये सभी विषय पूरी तरह से प्राकृतिक हैं। ऐसा भी नहीं है कि ये कृत्रिम विषय हैं, इसलिए इनसे छिपकर बात क्यों की जाए। खुलकर बताओगे तो लोग समझेंगे, लोग सवाल पूछेंगे, तभी जवाब मिलेगा, जवाब तभी होता है जब सवाल होता है, यह लाइन मैंने अक्षय कुमार से चुराई है, ये झूठ है लेकिन सच है, ये है मैं यह फिल्म क्यों करना चाहता था।”

फिल्म में कुछ खराब नहीं
आरुष ने कहा, “फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो बच्चों को नहीं देखना चाहिए। असल में यह फिल्म बच्चों के देखने के लिए बनाई गई है। हम बच्चों को सिखाने के बजाय वह फिल्म बड़ों को दिखा रहे हैं, तो उस फिल्म को बनाने का क्या मतलब था? अगर सही लोगों को सही फिल्म नहीं दिखाई गई तो फिल्म बनाने का कोई मतलब नहीं है। लोग कहेंगे कि यह 18+ फिल्म है, इसे बच्चों को मत दिखाओ, जब हम बाहर आएंगे तो कृपया अपने बच्चों को यह फिल्म देखने दें, क्योंकि इस फिल्म का केवल एक ही उद्देश्य था और वह था यौन शिक्षा। शिक्षा बहुत व्यापक है, ऐसा विषय जिसे ठीक से न समझाया जाए तो बहुत भ्रम पैदा होता है। हर किसी को यह फिल्म देखनी चाहिए और समझना चाहिए कि इस फिल्म का असली मतलब क्या है, सिर्फ कहानी और सिर्फ चुटकुलों पर नहीं, इसके गहरे अर्थ यूएसपी पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि अगर हम यौन शिक्षा के महत्व को अपनाएंगे तो हम समाज को भी सहजता से अपनाएंगे।