छत्तीसगढ़

चंद्रयान 3: चंद्रमा के बाद ही शुरू होगा अंतरिक्ष में मंगल का सफर, चंद्रयान मिशन-3 से बड़ी उम्मीदें

नैनीताल: चंद्रमा अभी भी तमाम अनुत्तरित सवाल समेटे हुए है, जिन्हें हल किए बिना चंद्रमा से मंगल का सफर पूरा नहीं हो सकता। चंद्रयान मिशन-3 चंद्रमा के जल, थल व नभ के रहस्य खोजने को चंद्रमा की धरती से अब चंद कदम की दूरी पर है। इस मिशन से वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि जल्द चांद के रहस्यों की परतें खुलती जाएंगी।

नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डॉ. शशिभूषण पांडेय कहते हैं कि चंद्रमा पर जल की मौजूदगी बड़ा रहस्य है। जल के बिना चंद्रमा पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। साथ ही चंद्रमा की धरती को अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का सपना भी साकार नहीं हो सकता।

भूकंप की विस्तृत जानकारी अधूरी

दरअसल, दुनिया की स्पेस एजेंसियां मानती हैं कि मानव का मंगल ग्रह का सफर चंद्रमा की धरती के इस्तेमाल के बिना संभव नहीं है। गुरुत्वाकर्षण शक्ति की सटीक जानकारी जरूरी है। हालांकि, यह सही है कि चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी की तुलना में बहुत कम है। चंद्रमा में आने वाले भूकंप की विस्तृत जानकारी अभी भी अधूरी है।

पृथ्वी के मुकाबले चंद्रमा ज्यादा संवेदनशील

माना जाता है कि चंद्रमा की भूगर्भीय स्थिति पृथ्वी के मुकाबले बहुत ज्यादा संवेदनशील है। चंद्रमा में आए दिन भूकंप आते रहते हैं, जो संभवतः पृथ्वी की तुलना में अधिक तीव्रता वाले भी होते हैं। इनके अलावा चंद्रमा के वातावरण की सटीक जानकारी जुटानी होगी, जो मानव जीवन के लिए अत्यंत जरूरी है, जिसमें ऑक्सीजन के साथ अन्य गैस शामिल हैं।

खगोलविदों के सामने बड़ी चुनौती चंद्रमा में खनिज पदार्थों का पता लगाकर उसकी उत्पत्ति का रहस्य भी उजागर करना है। चंद्रमा पर गिरने वाले आकाशीय पिंडों की जानकारी व उनसे सुरक्षा के उपाय भी ढूंढने होंगे। चंद्रमा की धरती पर बेशुमार गड्ढे हैं, जो धूमकेतु व क्षुद्रग्रहों से बने हैं। इन सवालों के हल जाने बिना चंद्रमा से आगे का सफर आसान नहीं होगा। चंद्रयान मिशन उम्मीद जगा रहा है कि जल्द चंद्रमा के रहस्य सामने आएंगे।