छत्तीसगढ़

चंद्रयान 3: रोवर प्रज्ञान के पास नौ दिन बाकी… चांद पर क्या-क्या काम बचा, पढ़ें क्या है आखिरी मिशन?

बेंगलुरु। सफर खूबसूरत है फिलहाल मंजिल की बात नहीं करते, ऐसा ही कुछ चंद्रयान 3 का रोवर इस समय अपने सफर में जुटा हुआ है। चांद के साउथ पोल के रहस्यों के बारे में जानकारी जुटा रहा रोवर प्रज्ञान को अपने सफर में भले ही कई कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वह अपने मंजिल के बेहद करीब पहुंच गया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक्स (पू्र्व में ट्विटर) में रोवर को लेकर जानकारी साझा की है। इसरो ने बताया की चंद्रयान-3 के मिशन के तहत 27 अगस्त को रोवर प्रज्ञान को चांद की सतह पर चार मीटर व्यास वाला गड्ढा दिखा। अगर समय रहते रोवर की दिशा नहीं बदली जाती तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। रोवर का रास्ता बदले जाने से इसरो के विज्ञानियों को बड़ी राहत मिली है। अब रोवर नए रास्ते पर है और सुरक्षित भी है। अब यह नए रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।

प्रति दिन 30 मीटर की दूरी तय करने का था निर्देश

इस समय रोवर को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि रोवर को प्रतिदिन 30 मीटर की दूरी तय करने के लिए निर्धारित किया गया था। स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (एसएसी) के निदेशक नीलेश एम. देसाई के मुताबिक, चांद पर आ रही मुश्किलों के कारण रोवर ने अब तक केवल 12 मीटर की ही दूरी तय की है। बता दें कि रोवर को चांद पर अपना मिशन पूरा करने के लिए केवल एक चंद्रदिवस (पृथ्वी में 14 दिन) ही है। 23 अगस्त से देखा जाए तो रोवर के चांद पर 5 दिन पूरे हो चुके हैं।

कम दिन और मिशन अभी भी बाकी

रोवर को बचे हुए 9 दिनों में यह कोशिश करनी होगी कि वह चांद पर 300-400 मीटर की दूरी तय कर लें। रोवर को चांद की सतह पर अधिक से अधिक दूरी तय कर साउथ पोल के बारे में जानकारी जुटानी होगी। विज्ञानी नीलेश देसाई ने रविवार को इसके बारे में बताया था कि चंद्रयान 3 की सुरक्षित और साफ्ट लैंडिंग, रोवर को चांद पर दिखाना और तीन मिशन में से दो पूरे हो चुके हैं। अब बस एक मिशन बचा है और तीसरे मिशन के तहत प्रज्ञान रोवर साउथ पोल पर चंद्रमा के रहस्यों की खोज में शिव शक्ति केंद्र के आसपास घूम रहा है।

क्या है इसरो का मिशन?

इसरो का मिशन केवल यह है कि रोवर चांद के साउथ पोल से जितनी संभव हो उतनी दूरी तय कर अधिक से अधिक जानकारियां जुटा सके। जिस क्षण सूर्यास्त होगा, चांद के साउथ पोल पर गहरा अंधेरा छा जाएगा और तापमान शून्य से 180 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाएगा। ऐसे में रोवर का काम करना बंद हो जाएगा। लैंडर और रोवर चांद की कठिन रात का मुकाबला कर अगले सूर्योदय तक बचे रहने की उम्मीद है।