मुजफ्फरनगर । खुब्बापुर गांव के स्कूल में छात्र की पिटाई कराने के मामले में राज्य अल्पसंख्यक आयोग के साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी रिपोर्ट तलब की है। क्योंकि ऐसे में प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। प्रकरण में प्रत्येक बिंदु पर जांच के साथ ही कार्रवाई को लेकर भी रिपोर्ट भेजनी होगी।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मचा बवाल
मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव खुब्बापुर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में शिक्षिका तृप्ता त्यागी द्वारा एक छात्र की दूसरे छात्रों से पिटाई कराने का वीडियो गत 25 अगस्त को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था। इस प्रकरण को लेकर कांग्रेस, सपा, रालोद, एआइएमआइएम और कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने इंटरनेट मीडिया पर भाजपा को घेरते हुए खूब प्रहार किए थे। इससे राजनीतिक माहौल गरमा गया था। वहीं, पीड़ित छात्र के पिता की तहरीर पर पुलिस ने शिक्षिका तृत्पा त्यागी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया।
पीड़ित छात्र की पहचान कर दी उजागर
गांव खुब्बापुर के ही विष्णुदत्त ने वीडियो प्रसारित कर पीड़ित छात्र की पहचान उजागर करने के आरोप में मोहम्मद जुबेर के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस दोनों ही मुकदमों की जांच करने में लगी है। उधर, राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने कई बिंदुओं पर जवाब मांगा है तथा स्कूल की शिक्षिका और बीएसए को पेश होने का आदेश दिया है। आगामी छह सितंबर को बीएसए को राज्य अल्पसंख्यक आयोग में पेश होकर रिपोर्ट देनी होगी।
कार्रवाई को लेकर स्कूल को नोटिस भेजने सहित एबीएसए से जांच करा ली गई है। वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी से रिपोर्ट तलब की है। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी का कहना है कि आयोग में भेजने के लिए सभी आठ बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है।
माकपा नेत्री सुभाषिनी अली और सांसद जान ब्रितास पहुंचे खुब्बापुर
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य एवं पूर्व सांसद सुभाषिनी अली और सीपीआइ (एम) के राज्यसभा सदस्य जान ब्रितास बुधवार को गांव खुब्बापुर पहुंचे। यहां उन्होंने पीड़ित छात्र और उसके स्वजन से मुलाकात की। साथ ही हरसंभव मदद का भरोसा भी परिवार को दिया।
केरल में शिक्षित करने के लिए दिया प्रस्ताव
बुधवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य एवं पूर्व सांसद सुभाषिनी अली और सीपीआइ (एम) के राज्यसभा सदस्य जान ब्रितास ने पीड़ित छात्र के स्वजन को आश्वासन दिया कि अगर वह अपने बच्चों को केरल भेजकर शिक्षित करना चाहते हैं तो केरल सरकार इसका पूरा खर्चा उठाने को तैयार है। यह भी कहा कि अगर वह गांव में अपने आप को असुरक्षित समझते हो तो केरल में आकर रह सकते हैं, पूरी मदद की जाएगी। इसके बाद सुभाषिनी अली ने मीडियाकर्मियों से कहा कि सांप्रदायिक सद्भावना जल्द से जल्द कायम की जानी चाहिए। घटना की निंदा करते हुए शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की। गांव वालों से कहा कि शांति हर कीमत पर बनी रहनी चाहिए, यही देश के हित में है।