नईदिल्ली : बेंगलुरु की लोकायुक्त स्पेशल कोर्ट ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री की खास सहयोगी रही वीके शशिकला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. शशिकला पर बेंगलुरु की एक जेल में कैद के दौरान वीआईपी ट्रीटमेंट का आरोप है. उन्हें इस मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वे पेशी पर नहीं पहुंची थीं.
शशिकला को 2017 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाया गया था. वे बेंगलुरु की परप्पाना अग्रहारा केंद्रीय जेल में बंद थीं.
शशिकला की भाभी के खिलाफ भी वारंट
अदालत ने मामले में एक अन्य अभियुक्त, शशिकला की भाभी इलावारसी के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किया है. इसके साथ ही कोर्ट ने पूर्व एआईएडीएमके नेता के लिए जमानत देने वाले दो व्यक्तियों को नोटिस जारी किया है.
शशिकला और इलावारसी को आय से अधिक संपत्ति मामले में स्पेशल कोर्ट ने दोषी ठहराया था. दोनों को परप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में 4 साल रखा गया था. आरोप है कि शशिकला को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया था, जिसके बदले में जेल अधिकारियों को रिश्वत दी गई थी.
जेल में किया गया था पूरा अलग इंतजाम
पूर्व डीआइजी (जेल) डी रूपा ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि वीआईपी ट्रीटमेंट के लिए जेल अधिकारियों और शशिकला के बीच 2 करोड़ रुपये का आदान-प्रदान हुआ था. फरवरी 2022 में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, शशिकला और इलावारसी के निजी उपयोग के लिए जेल में पांच कमरों वाला एक पूरा गलियारा अलग रखा गया था.
2018 में कर्नाटक सरकार ने शशिकला को दिए गए कथित स्पेशल ट्रीटमेंट की जांच के आदेश दिए. उच्च स्तरीय जांच में शशिकला को स्पेशल ट्रीटमेंट देने में वरिष्ठ जेल अधिकारियों की ओर से ‘गंभीर चूक’ और ‘रिकॉर्डों में हेराफेरी’ पाई गई. फरवरी 2022 में रिपोर्ट के आधार पर मामले के संबंध में आरोप पत्र दायर किया गया था.