छत्तीसगढ़

बिगड़े बोल पर उदयनिधि स्टालिन ने दी सफाई, यूपी में दर्ज FIR के खिलाफ ये कदम उठाने को कहा

चेन्नई। डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म को लेकर दिए अपने विवादित बयान पर चौतरफा घिरे हुए हैं। गुरुवार (7 सितंबर) को उन्होंने कहा कि वो अपने ऊपर लगे सभी मामलों का कानूनी रूप से सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “पिछले 9 सालों से बीजेपी के सभी वादे खोखले हैं। बीजेपी ने वास्तव में हमारे कल्याण के लिए क्या किया है?”उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा सवाल है जो वर्तमान में फासीवादी बीजेपी सरकार के खिलाफ पूरा देश एकजुट होकर उठा रहा है। इसी पृष्ठभूमि में बीजेपी नेताओं ने टीएनपीडब्ल्यूएए सम्मेलन में मेरे भाषण को ‘उकसाने वाला’ बता दिया। उन्होंने इसे अपनी सुरक्षा के लिए हथियार बना लिया हैं।”

मंत्री उदयनिधि ने आगे लिखा, “आश्चर्य की बात यह है कि केंद्र सरकार के मंत्री थिरु (स्टालिन) जैसे हैं। अमित शाह और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री फर्जी खबरों के आधार पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पूरी निष्पक्षता से, सम्मानजनक पदों पर रहते हुए बदनामी फैलाने के लिए मुझे ही उनके खिलाफ आपराधिक मामले और अन्य अदालती केस दायर करने चाहिए।”

हम धर्म के दुश्मन नहीं हैं’

लेकिन मैं जानता हूं कि यह (बयान) बीजेपी नेताओं के जीवित रहने का तरीका है। वे नहीं जानते कि जिंदा कैसे रहना है, इसलिए मैंने ऐसा न करने का फैसला किया। मैं डीएमके के संस्थापक पेरारिग्नर अन्ना के राजनीतिक उत्तराधिकारियों में से एक हूं। सब जानते हैं कि हम किसी धर्म के दुश्मन नहीं हैं।

अन्नादुरई की टिप्पणी दोहराना चाहूंगा- उदयनिधि

उदयनिधि ने कहा कि मैं धर्मों पर अन्ना अन्नादुरई की टिप्पणी दोहराना चाहूंगा जोकि आज भी प्रासंगिक है, “अगर कोई धर्म लोगों को समानता की ओर ले जाता है और उन्हें भाईचारा सिखाता है, तो मैं भी एक अध्यात्मवादी हूं। अगर कोई धर्म लोगों को जातियों के नाम पर बांटता है, अगर वह उन्हें छुआछूत और गुलामी सिखाता है, तो मैं उस धर्म का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा।”