छत्तीसगढ़

स्टडी सेंटर्स में अरबी भाषा पढ़ाने के नाम पर भोले-भाले युवाओं को बनाया जा रहा कट्टरपंथी: एनआईए

नईदिल्ली : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) के भर्ती अभियान को विफल करने को लेकर शनिवार (16 सितंबर) को तमिलनाडु और तेलंगाना के कई स्थानों पर छापेमारी की.

एनआईए ने बताया कि दोनों राज्यों (तमिलनाडु और तेलंगाना)  में स्थित 31 जगहों पर रेड की गई. इस दौरान हमें पता लगा कि युवाओं के बीच कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय स्टडी सेंटर का  इस्तेमाल किया जा रहा था. 

एनआईए ने क्या खुलासा किया?
एनआईए ने छापेमारी के बाद बयान जारी कर कहा, ‘‘क्षेत्रीय अध्ययन केंद्रों के माध्यम से अरबी भाषा की क्लास आयोजित करने की आड़ में कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया जा रहा था.  इस तरह की कट्टरपंथी गतिविधियों को सोशल मीडिया मंचों, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा था.”

एनआईए ने आगे कहा, ‘‘मामले में शामिल व्यक्तियों के समूह ने युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकवादी संगठन में भर्ती करने की साजिश रची थी, जो बाद में आतंकवादी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल पाए गए. ऐसा ही एक आतंकी हमला 23 अक्टूबर, 2022 के कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले से संबंधित है. ’

एनआईए ने क्या कहा?
एनआईए ने बताया कि  कि तलाशी के दौरान  मोबाइल फोन, लैपटॉप, दस्तावेज, अरबी भाषाओं में आपत्तिजनक किताबें और 60 लाख रुपये के साथ-साथ 18,200 अमेरिकी डॉलर नकद जब्त किए गए. 

एनआईए के अधिकारी ने कहा कि एजेंसी जब्त किए गए मोबाइल फोन, लैपटॉप और हार्ड डिस्क को खंगाल रही है. दरअसल एजेंसी की टीम ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में 22 जगहों, चेन्नई में तीन, तेन्काशी जिले में एक और तेलंगाना के हैदराबाद में पांच स्थानों पर छापे मारे. 

एनआईए ने बताया कि यह छापेमारी चेन्नई में भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) (UAPA) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक मामले के संबंध में की गई है. यह मामला भोले-भाले युवकों को कट्टरपंथी बनाने के लिए व्यक्तियों के एक समूह के गुप्त अभियानों से संबंधित है.