छत्तीसगढ़

अब वोटर आईडी बनाने के लिए अनिवार्य नहीं होगा आधार, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी

नईदिल्ली : मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा. चुनाव आयोग ने गुरुवार सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी है. कोर्ट में नए मतदाता पंजीकरण फ़ॉर्म के 6B में मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आधार नंबर देने की अनिवार्यता खत्म करने की मांग वाली याचिका लगायी गई थी. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पादरी और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले की सुनवाई की.

चुनाव आयोग की ओर से कोर्ट में पेश हुए सीनियर एडवोकेट सुकुमार पट जोशी और अमित शर्मा ने बताया कि मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए अब आधार नंबर भरने की अनिवार्यता खत्म करने से संबंधित अधिसूचना जल्द जारी कर दी जाएगी. साथ ही मतदाताओं के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म में भी बदलाव किए जाएंगे. इस मामले में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अंडरटेकिंग भी जमा की. इसके बाद न्यायालय ने याचिका का निपटान कर दिया.

क्या है याचिका
तेलंगाना प्रदेश कमेटी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट जी निरंजन ने इस संबंध में एक याचिका लगाई थी. उन्होंने इलेक्टर्स अमेंडमेंट अधिनियम 2022 की धारा 26 में नए मतदाता पहचान पत्र बनाने के प्रावधानों पर स्पष्टीकरण की मांग की थी. इसके मुताबिक मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए फॉर्म 6 और मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए फॉर्म 6b है. इसमें आधार नंबर भरना अनिवार्य किया गया है. इसे लेकर याचिकाकर्ता ने कहा कि जिनके पास आधार कार्ड न हो लेकिन वे मतदान करने की उम्र के हो गए हों, उन्हें मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाता.

चुनाव आयोग ने क्या कहा

जवाब में चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि वोटर रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आधार नंबर भरने की अनिवार्यता को खत्म करने से संबंधित अधिसूचना जल्द जारी कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि मतदाता सूची में 66 करोड़ 23 लाख आधार नंबर पहले ही अपलोड हो चुके हैं. इनकी प्रोसेसिंग की जा रही है. इस मामले में मौजूदा नियम कहता है कि वोटर कार्ड बनाने या मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है. इसलिए इसको लेकर जरूरी स्पष्टीकरण जारी होगा और फॉर्म में बदलाव भी होगा. इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निपटारा किया.