नईदिल्ली । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से आगामी लोकसभा चुनाव वायनाड से नहीं लड़ने का अनुरोध कर सकती है. सीपीआई की हाल ही में संपन्न राष्ट्रीय नेतृत्व की बैठक में इसको लेकर निर्णय लिया गया.
सूत्रों के अनुसार, अब इस निर्णय से आधिकारिक तौर पर कांग्रेस को अवगत कराया जाएगा. सीपीआई चाहती है कि राहुल गांधी बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ें. सीपीआई का मानना है कि चूंकि वह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा है. इस कारण सबसे पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राहुल गांधी वायनाड से इलेक्शन न लड़ें.
पिछले तीन बार क्या परिणाम रहा?
सीपीआई केरल में माकपा (CPIM) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है. वह साल 2009 में इसके गठन के बाद से वायनाड सीट पर चुनाव लड़ती रही है. पिछले तीनों चुनावों में, कांग्रेस उम्मीदवार को आसानी से जीत मिली थी, खासकर 2019 में जब राहुल गांधी ने 4.31 लाख से अधिक वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज की थी.
हालांकि सीपीआई अपना निर्णय बताने के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन कांग्रेस सूत्रों ने अनुरोध पर विचार किए जाने पर संदेह व्यक्त किया है.
संयोग से केरल की 20 लोकसभा सीटों में से सीपीआई चार पर चुनाव लड़ेगी. उसे 2019 के चुनावों में भारी हार का सामना करना पड़ा था, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने 19 सीटें जीती थीं. उनकी हार का एक कारण राहुल गांधी का वायनाड से चुनाव लड़ने का निर्णय लेना था.
कांग्रेस ने क्या कहा?
सुझाव को खारिज करते हुए सीपीआईएम की केंद्रीय समिति के सदस्य और पूर्व राज्य मंत्री एके बालन ने कहा कि चुनाव लड़ने का निर्णय केवल संबंधित राजनीतिक दल ही ले सकते हैं.
इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. सुधाकरन ने कहा कि सीपीआई या उस मामले में कोई भी ‘सहयोगी’ यह तय नहीं कर सकता कि अन्य पार्टियों को क्या करना चाहिए. उन्होंने कहा, ” राहुल गांधी वायनाड से ही चुनाव लड़ेंगे.”