छत्तीसगढ़

महिलाओं के साथ धोखा हुआ, सरकार ने दिखाया पाखंड, महिला आरक्षण बिल पर ऐसा क्यों बोले कर्नाटक CM सिद्धारमैया?

नईदिल्ली : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने महिला आरक्षण बिल की राह में बाधाएं खड़ी करने को लेकर बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने बिल में जनगणना और परिसीमन की बाधाएं डाली हैं. इसके लागू करने का समय भी बहुत लंबा तय किया गया है. ऐसा करके बीजेपी ने दिखाया है कि वह कितनी पाखंडी है. लंबे वक्त से पेंडिंग पड़ा महिला आरक्षण बिल गुरुवार को ही संसद से पास हुआ है.

भले ही संसद से महिला आरक्षण बिल पास हो गया है, मगर इसे तभी लागू किया जा सकेगा, जब अगले परिसीमन का काम पूरा हो जाएगा. 2026 के बाद होने वाली पहली जनगणना के बाद ही परिसीमन का काम पूरा किया जाएगा. इसके अलावा, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने की व्यवस्था लागू होने के 15 साल बाद खत्म हो जाएगी. इस बिल के जरिए महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है. 

सीएम ने महिला आरक्षण पर क्या कहा? 

‘महिला आरक्षण’ नाम से आयोजित हुए एक सेमिनार में बोलते हुए कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि अगर बीजेपी सरकार सच में महिलाओं को आरक्षण देना चाहती, तो उसे इसे लागू करने के रास्ते में बाधाएं खड़ी करने की जरूरत नहीं थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल के लिए 15 सालों की एक्सपायरी डेट भी फिक्स की हुई है. बिल के कानून बनने के बाद इसे लागू होने से लेकर 15 साल तक की वैलिडिटी रहने वाली है. 

सिद्धारमैया ने कहा कि इसका मतलब है कि ये कानून 15 सालों तक ही रहने वाला है. दूसरी ओर बीजेपी सरकार ने दो बाधाएं भी खड़ी कर दी हैं. इसमें जनगणना और परिसीमन शामिल हैं. इन बाधाओं को पार करने में 15 साल लग जाएंगे. इस तरह ये बिल लागू होने से पहले ही एक्सपायर हो जाएगा. उन्होंने यहां तक कह दिया कि ये महिलाओं के साथ किया गया सबसे बड़ा धोखा है.

पीएम पर कसा तंज

कर्नाटक सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना भी की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भगवान ने मुझे महिलाओं के लिए आरक्षण लागू करने के लिए भेजा है. लेकिन महिलाओं के साथ ठगी हुई है. उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि क्या भगवान ने उन्हें महिलाओं को ठगने के लिए भेजा है. सीएम ने कहा कि बिल को न तो 2024 में और न ही 2029 में लागू किया जाएगा. ये 2034 में भी लागू नहीं होने वाला है, तब तक इसका मकसद भी खत्म हो जाएगा.