गाजियाबाद : स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजे गए डेंगू के 50 सीरो जांच में पांच मरीजों की रिपोर्ट में डेन-2 वायरस पाया गया है। यह डेंगू के चारों वायरस में सबसे अधिक खतरनाक माना गया है। इस वायरस से शॉक सिंड्रोम, हृदयाघात और शरीर के कई अंगों का काम करना बंद होने से मौत हो सकती है। यह स्ट्रेन दिल्ली और नोएडा में भी संक्रमण का कारण बन रहा है। अब तक जिले में डेंगू के दो मरीजों की मौत हो चुकी है। दोनों की जांच रिपोर्ट में मल्टी ऑर्गन फेल्योर बताया गया था। डेन-2 पुष्टि होने पर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है।
जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि 10 सितंबर को डेंगू के 50 पॉजिटिव और निगेटिव सैंपल जांच के लिए केजीएमसी लखनऊ भेजे गए थे। इसमें पांच मामले डेन-2 सीरो टाइप मिले हैं। डीएसओ ने बताया कि डेंगू बुखार में चार स्ट्रेन डेन-1,2, 3 और 4 होते हैं। इनमें डेन-2 को सबसे ज्यादा घातक माना जाता है। डेन-2 स्ट्रेन वायरस से मरीज को कई बार शॉक सिंड्रोम होता है, जिसके चलते मरीज की मल्टी ऑर्गन फेलियर से मौत हो जाती है। उन्होंने बताया कि डेन-2 संक्रमित मरीज को बुखार उतरने के बाद भी एक सप्ताह तक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। मरीज को खुद अपनी निगरानी करनी होती है और किसी भी तरह की परेशानी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
लिवर और हृदय भी होता है प्रभावित
एमएमजी अस्पताल के फिजिशियन डॉ. आलोक रंजन का कहना है कि डेंगू का लिवर और हृदय पर भी असर पड़ता है। डेंगू शॉक सिंड्रोम होने पर दिल को शरीर के अहम अंगों तक खून पहुंचाने में अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है, इससे हृदय की रक्तसंचार प्रणाली बिगड़ जाती है। डेंगू होने पर लिवर में सूजन, वायरल हेपेटाइटिस, पीलिया के लक्षण दिखना, लिवर एंजाइम बढ़ने के साथ पेट दर्द भी होता है। डेंगू में डिहाइड्रेशन और कम रक्तचाप से गुर्दे पर भी असर पड़ता है। गुर्दे तक रक्त का बहाव कम होने पर घाव भी हो जावा है।
डेंगू से रिकवरी के लिए लें ये डाइट
पसीने-उल्टी से बॉडी डिहाइड्रेट होती है, इसलिए दिन में 3-4 लीटर पानी पीएं।
आंवला, कीवी, संतरा जैसे खट्टे और रसीले फल खाएं।
अनार, पपीता, पालक, बीन्स को भी डाइट में शामिल करें।
खाना कम मात्रा में कई बार खाएं, खिचड़ी, दही, उबली सब्जियां और मूंग दाल लें।
संपूर्ण अनाज यानी दलिया, किनुआ, बाजरा लें।
अधिक ऑयली और चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थ लेने से बचें।
चाय, कॉफी या अल्कोहल का सेवन न करें, यह डिहाइड्रेशन बढ़ाता है।
टाइप-1 और टाइप-2 के लक्षणों में फर्क
डेन 1 स्ट्रेन के लक्षणों में बुखार और शरीर में दर्द जैसे लक्षण आते हैं। टाइप-2 यानी डेन 2 स्ट्रेन में बहुत तेज बुखार, उल्टी, गले में सूजन, छाती में लाल चकत्ते और सिर दर्द जैसे अन्य लक्षण होते हैं। इस स्ट्रेन के कारण प्लेटलेट्स में भी तेजी से गिरावट आती है। ऐसी स्थिति में बेहद सावधान रहने की जरूरत होती है क्योंकि डेन-2 में परेशानी अधिक बढ़ जाती है।
107 की जांच में 12 मरीजों की पुष्टि
24 घंटे में 107 की जांच में मंगलवार को 12 मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें पांच बच्चे भी शामिल हैं। इस समय 84 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से 55 मरीज अलग-अलग अस्पताल में भर्ती हैं। मलेरिया विभाग के 4809 घरों के सर्वे में 117 स्थानों पर लार्वा पाया गया। डीएसओ डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि सभी संक्रमितों के घर और आसपास सर्वे और एंटी लार्वा स्प्रे करवाया जा रहा है।